अमृतसर हादसा: पुलिस ने दी थी दशहरा कमेटी को 'रावण दहन' की मंजूरी
दशहरे के मौके पर अमृतसर में जोड़ा फाटक के पास शुक्रवार को दिल दहलाने वाले ट्रेन हादसे में 70 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 से ज्यादा घायल हो गए। जिस धोबी घाट मैदान पर यह हादसा हुआ उस जगह पर रावण दहन की मंजूरी पुलिस ने दशहरा कमेटी को दी थी।
दशहरा कमेटीने धोबी घाट मैदान पर दशहरा उत्सव के लिए सुरक्षा बंदोबस्त मुहैया कराने के लिए पुलिस को पत्र लिखा था, जिसके जवाब में एएसआई दलजीत सिंह ने कहा था कि पुलिस को इस पर कोई आपत्ति नहीं है। यानी पुलिस ने अपनी तरफ से एनओसी दे दी थी। पुलिस का कहना है कि धोबी घाट मैदान पर दशहरा उत्सव के लिए मंजूरी दी गई थी लेकिन आयोजकों ने इसकी मंजूरी नगर निगम और प्रदूषण विभाग से नहीं ली।
पुलिस का कहना है कि कमिटी ने कहा था कि किसी तरह का यातायात प्रभावित नहीं होगा और न ही इस मौके पर हथियार लेकर चलेंगे। पुलिस उपायुक्त अमरीक सिंह ने कहा कि आयोजकों से नगर निगम निगम और प्रदूषण विभाग से मंजूरी लेने के लिए कहा गया था। अगर यह दोनों मंजूरी नहीं मिलती हैं तो फिर दशहरा उत्सव का आयोजन नहीं किया जा सकता।
दशहरा कमिटी के अध्यक्ष और आयोजक सौरभ मदान ने पुलिस से मंजूरी 19 अक्टूबर को ली थी। साथ ही कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के लिए भी सुरक्षा की मांग की थी।
वहीं, अमृतसर नगर निगम आयुक्त सोनाली गिरी ने कहा कि नगर निगम से ऐसे किसी आयोजन की परमिशन नहीं मांगी गई थी। सोनाली गिरी ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस बार बड़े पैमाने पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कैसे हुआ हादसा?
शुक्रवार को जोड़ा फाटक के पास जब रेललाइन के निकट विजयदशमी पर्व पर रावण का पुतला जलाया जा रहा था। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, बच्चे और लोग इस दृश्य को देख रहे थे। वे सभी इस बात से बिलकुल बेखबर थे कि कुछ पल में ही उनका हर्षोल्लास मातम में बदल जाएगा। तभी वहां जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू रेलगाड़ी तेज गति से गुजरी और उसने पटरी पर खड़े होकर दशहरा पर्व का नजारा देख रहे लोगों को अपनी चपेट में ले लिया।
ट्रेन आने का नहीं हुआ अहसास
लोगों को पटाखों की आवाज में ट्रेन के आने का अहसास तक नहीं हुआ। इस दौरान अनेक लोग रावण का पुतला दहन होने का दृश्य अपने मोबाइल कैमरों में कैद करने में मशगूल थे और अचानक ट्रेन ने इन्हें लील लिया। मात्र 5 सेकंड से भी कम समय में वहां अनेक लोग रेलगाड़ी के नीचे कट गए और कई घायल हो गए। पटरी और इसके आसपास लाशों का अंबार लग गया। जमीन खून से सन गई। किसी का सिर तो किसी का धड़, बाजू और टांगें इघ्ार- उधर बिखरे हुए थे।