मुंबई में एक ऑटो ड्राइवर ने पोती को पढ़ाने के लिए बेचा घर, दान में मिले 24 लाख रुपये
मुंबई में एक ऑटो ड्राइवर की दिल को छू जाने वाली कहानी सामने आई है। सीमित संसाधनों के कारण, 74 वर्षीय देशराज ने पोती को पढ़ाने के लिए अपना घर तक बेच दिया। बेटे की मौत के बाद उसके बच्चों और पत्नी की जिम्मेदारी संभाल रहे बुजुर्ग देसराज जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे नाम के एक फेसबुक पेज ने उनकी इस दिल दहला देने वाली स्टोरी को साझा किया और लोगों से मदद की अपील की है। इस पहल के माध्यम से लक्ष्य 20 लाख रुपये की राशि जुटाने का था, दानदाताओं ने इसे पार कर लिया। अब 24 लाख रुपये एकत्र किए गए हैं और चेक ऑटो ड्राइवर को सौंप दिया गया है।
ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' ने ऑटो रिक्शा चालक देसराज की कहानी साझा करते हुए लिखा कि, 6 साल पहले मेरा बड़ा बेटा घर से गायब हो गया था। वो काम के लिए घर से निकला और कभी वापिस नहीं आया। उनके बेटे का शव एक हफ्ते बाद मिला था। मुंबई में खार के पास ऑटो चलाने वाले देसराज के 40 वर्षीय बेटे की मौत हो गई, लेकिन उनके बुजुर्ग पिता को उनके शोक करने का समय भी नहीं मिला।
देसराज ने बताया कि, जब मेरी पोती ने 12 वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षा में 80 प्रतिशत अंक हासिल किए तो पूरे दिन,मैंने जश्न मनाने के लिए ग्राहकों को मुफ्त सवारी दी। इसके बाद जब उनकी पोती ने कहा कि वह बी.एड कोर्स के लिए दिल्ली जाना चाहती है। तो देसराज के सामने एक बार फिर से बड़ी समस्या खड़ी हो गई। देसराज को पता था कि वह इतने पैसे नहीं जुटा पाएंगे। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने अपने घर को बेच दिया और पोती को दिल्ली के स्कूल में दाखिला करवा दिया।