कापू समुदाय को मिलेगा पांच फीसदी आरक्षण, आंध्र विधानसभा ने किया विधेयक पारित
आंध्र प्रदेश विधानसभा ने कापू समुदाय के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण और सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण बिल पास कर दिया है। पिछले महीने मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने इसकी घोषणा की थी। कापू समुदाय में (कापुस, ओन्टारी, तेलगा और बलिजा) जाति के लोग शामिल हैं।
तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने 2014 चुनावों से पहले कापू समुदाय को पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल करने तथा उन्हें नौकरियों तथा शिक्षण संस्थानों में पांच प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था। इस पर दिसंबर 2017 में राज्य सरकार ने विधानसभा में एक विधेयक पेश करके कापू समुदाय को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव रखा था।
केंद्र से किया था अनुरोध
यह विधेयक बाद में केन्द्र के पास भेजा गया था और उससे कापू समुदाय को पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल करने के लिए नौवीं अनुसूची में संवैधानिक संशोधन करने का अनुरोध किया गया था क्योंकि प्रस्तावित पांच प्रतिशत आरक्षण समाज के विभिन्न वर्गों के लिए दिये जा रहे 50 प्रतिशत आरक्षण से ऊपर था। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार इस पर सहमत नहीं हुई।
इससे पहले आंध्र प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग ने आरक्षण की सिफारिश करने वाली रिपोर्ट सौंपी थी। हालांकि आयोग के तत्कालीन प्रमुख न्यायमूर्ति केएल मंजूनाथ के इस रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं थे जबकि दो अन्य सदस्यों ने इसे राज्य सरकार को सौंपा था। आयोग का गठन जनवरी 2016 को कापू समुदाय के आंदोलन के बाद किया गया था।
सीएम ने पिछले महीने की थी घोषणा
मुख्यमंत्री नायडू ने पिछले महीने घोषणा की थी कि अब केंद्र द्वारा सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दिए जा रहे 10 प्रतिशत आरक्षण में से हम पांच प्रतिशत कापू समुदाय को देंगे और बाकी का पांच सामान्य वर्ग के गरीबों को देंगे।
संसद ने पिछले दिनों संवैधानिक संशोधन विधेयक पारित किया था, जिसमें सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी नौकरियों तथा शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था।