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25 May 2020

आंध्र हाई कोर्ट ने एलजी पॉलीमर्स प्लांट सीज करने का दिया आदेश, देश छोड़कर नहीं जा सकेंगे डायरेक्टर्स

हाल ही में विशाखापट्टनम में एलजी पॉलिमर संयंत्र में गैस लीक की घटना के बाद आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए कहा है कि विशाखापट्टनम के आरआर वेंकटपुरम गांव में स्थित एलजी पॉलीमर्स की इमारत को पूरी तरह से सीज कर दिया जाए। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा नियुक्त समितियों को छोड़कर संयंत्र में किसी और के प्रवेश पर रोक लगा दी है। अदालत ने 22 मई को अपने आदेश में कंपनी के निदेशकों को अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने का आदेश दिया।

निदेशकों सहित किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं

दरअसल मुख्य न्यायाधीश जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ललिता कान्हनेती की एक खंडपीठ जनहित याचिकाओं की एक सुनवाई कर रही है। जिसमें प्रभावित लोगों को न्याय दिलाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ-साथ फैक्ट्री को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग भी शामिल है। अदालत ने कहा कि कंपनी के परिसर को पूरी तरह से सील कर लिया जाएगा और कंपनी के निदेशकों सहित किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

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नहीं शिफ्ट किया जाएगा सामान

इसके साथ ही पीठ ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि कि किसी भी संपत्ति, मोबाइल, फिक्चर, मशीनरी और सामग्री को शिफ्ट करने करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि कंपनी के निदेशकों ने अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया है और वे इस समय भारत में हैं, हालांकि पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि उनके पासपोर्ट रिलीज न किए जाएं और उन्हें भारत से बाहर जाने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी।

अधिकारी को निरीक्षण करने की दी इजाजत

अदालत ने कहा कि यदि कमिटी या नियुक्त अधिकारी फैक्ट्री का निरीक्षण करना चाहते हैं तो उन्हें निरीक्षण के लिए कंपनी गेट के बाहर रखे गए रजिस्टर पर इसका विवरण दर्ज करना होगा। इसके साथ ही अदालत ने 26 मई से पहले राज्य सरकार और केंद्र से जवाब मांगा है। साथ ही 28 मई को आगे की सुनवाई के लिए तारिख तय किया है।

मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने पिछले दिनों कही थी ये बात

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने पिछले दिनों संकेत दिया था कि विशाखाट्टनम में एलजी पॉलिमर संयंत्र में हाल में गैस लीक की घटना के बाद अब उसे वहां पहले की तरह कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा था कि गैस के रिसाव के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।

चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली पिछली सरकार को ठहराया था दोषी

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और कुछ पीड़ितों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बात करते हुए कंपनी को विस्तार की अनुमति देने के लिए एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली पिछली सरकार को दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा था, 'हम किसी को भी नहीं बख्शेंगे। जो कोई भी घटना के लिए जिम्मेदार होगा, उनके खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। एक बार जब हमें केंद्र द्वारा गठित समिति सहित सभी समितियों से रिपोर्ट मिल जाएगी, हम कंपनी से जवाब मांगेंगे। विशेषज्ञों द्वारा जवाबों की जांच की जाएगी।'

जानें कब हुई थी घटना

बता दें कि सात मई को एलजी पॉलिमर के विशाखाट्टनम स्थित संयंत्र से स्टिरीन गैस का रिसाव होने से 12 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि विशाखापट्टनम के पास आरआर वेंकटपुरम में जहरीले रसायन की गैस लीक होने से कई सौ लोग बीमार हो गए थे। जगन रेड्डी ने कहा था, 'समितियों द्वारा जो भी कार्रवाई की सिफारिश की जाती है, उनके ऊपर पारदर्शी तरीके से अमल किया जाएगा।'

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TAGS: Andhra Pradesh, High Court, orders, seizure of plant; directors, not to leave, country
OUTLOOK 25 May, 2020
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