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13 August 2019

अनुच्छेद 370 पर बोले पाक विदेश मंत्री- गलतफहमी में न रहें हम, यूएन में कोई हार लेकर नहीं खड़ा

File Photo

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के फैसले के खिलाफ पाकिस्तान को किसी भी देश का समर्थन नहीं मिल रहा है। उसकी अपील पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भी कश्मीर मसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की मायूसी भी खुलकर सामने आई है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि इस गलतफहमी में न रहें कि सुरक्षा परिषद में कोई हमारे लिए हार लेकर खड़ा है। वहां कोई हमारे समर्थन में कुछ नहीं बोलेगा।

हमें बेवकूफ नहीं बनना चाहिए: कुरैशी

कुरैशी ने रविवार को कहा, 'भावनाओं को हवा देना और आपत्तियां जताना बहुत आसान है। हालांकि, इस मुद्दे को समझना और आगे लेकर जाना काफी मुश्किल है। वे (यूएन) आपके लिए बाहें फैलाए नहीं खड़े हैं। पी-5 में कोई भी सदस्य अवरोध खड़ा कर सकता है। हमें बेवकूफ नहीं बनना चाहिए।'  कुरैशी का ये बयान तब आया जब संयुक्त राष्ट्र के पी-5 में शामिल रूस पहले ही भारत के फैसले को संवैधानिक ढांचे के अंतर्गत बचा चुका है।

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जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार का ये था बड़ा कदम

 

दरअसल, भारत सरकार की तरफ से अनुच्छेद 370 को खत्म करके लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करते हुए दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। भारत के इस कदम ने पाकिस्तानी सरकार की बेचैनी बढ़ा दी है। पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को अवैध एवं एकतरफा बताया था। यही नहीं पाकिस्तान ने भारत को धमकी दी थी कि वह इस मसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाएगा।

पाकिस्‍तान के दावे पर टिप्पणी करने से यूएनएससी ने किया था इनकार

पाकिस्‍तान ने इस मसले पर संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को एक पत्र लिखा था लेकिन पाकिस्‍तान को इस मामले में यूएनएससी से झटका मिला। यूएनएससी की तरफ से पाकिस्‍तान के इस पत्र पर अब तक कोई बयान नहीं दिया है। पिछले दिनों संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की अध्‍यक्ष जोआना रोनेका ने भारत के इस ऐतिहासिक फैसले को यूएनएससी के प्रस्ताव का उल्लंघन बताने संबंधी पाकिस्‍तान के दावे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था।

कश्मीर को लेकर अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं आया

वहीं, कश्मीर को लेकर अमेरिका की तरफ से भी बड़ा बयान आया था। हाल ही में अमेरिका ने एक बार फिर स्पष्ट किया था कि कश्मीर को लेकर उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। अमेरिका ने कहा था कि बिना किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के कश्मीर समस्या का समाधान भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत से होनी चाहिए।

 

चीन दौरे को लेकर कुरैशी ने किया था ये दावा  

दूसरी ओर, अमेरिका ने अभी तक कश्मीर मुद्दे पर किसी का पक्ष नहीं लिया है। हालांकि, चीन इस मसले पर चिंता जता चुका है। पिछले हफ्ते चीन यात्रा के बाद कुरैशी ने दावा किया था कि चीन कश्मीर को लेकर सुरक्षा परिषद में हमारा समर्थन करेगा। उन्होंने पाक के सभी राजनीतिक दलों से एकजुटता दिखाने की अपील की थी।

 

भारत-पाक को चीन ने दी थी नसीहत- बातचीत से सुलझाएं विवाद

 

चीन ने शुक्रवार को भारत और पाकिस्‍तान से बातचीत के जरिए ही अपना विवाद सुलझाने की नसीहत दी थी। चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने एक लिखित बयान में कहा था कि उसने पाकिस्‍तान के बयान पर ध्‍यान दिया है। हम भारत और पाकिस्‍तान दोनों का आह्वान करते हैं कि वे अपने विवादों को बातचीत से सुलझाते हुए क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बनाए रखें।

 

अनुच्‍छेद-370 पर दिए गए निर्णय का बिना उल्‍लेख करते हुए चीन ने कहा था कि संबंधित पक्ष को एकतरफा कार्रवाई से बचते हुए तनाव बढ़ाने का काम नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी 11 अगस्‍त से अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर बीजिंग में हैं। इस दौरान उन्होंने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक की।

जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग है, यह पूरी तरह से आंतरिक मुद्दा

पिछले दिनों पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में कटौती, कारोबारी रिश्ते खत्म करने, समझौता एक्सप्रेस और बस सेवा रोकने और भारतीय फिल्मों को प्रतिबंधित करने का फैसला किया है। हालांकि, भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग है और यह पूरी तरह से आंतरिक मुद्दा है। पाकिस्तान को एकतरफा फैसले लेने पर विचार करना चाहिए।

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TAGS: Article 370, Pak Foreign Minister, Shah Mehmood Qureshi says, UNSC, not waiting, with garlands for us
OUTLOOK 13 August, 2019
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