यमुना के जलस्तर को लेकर केजरीवाल की आपात बैठक खत्म, दिल्ली की जनता से की ये अपील
यमुना के बढ़ते जलस्तर और इससे पैदा हुए बाढ़ के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सचिवालय में आपात बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। केजरीवाल ने कहा कि यमुना में जलस्तर बढ़ने की संभावना है। उन्होंने लोगों से भी सतर्क रहने की अपील की है।
बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 207.71 मीटर तक पहुंच गया है, जो अब तक का सबसे ज्यादा है। दिल्ली में पिछले 2-3 दिनों से बारिश नहीं हुई है। हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से पानी दिल्ली में प्रवेश कर रहा है।"
उन्होंने कहा, "इस संबंध में मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखकर दिल्ली में प्रवेश करने वाले पानी के प्रवाह को कम करने का अनुरोध किया है।" बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि हथिनीकुंड बैराज से पानी के प्रवाह को कम किया जाना चाहिए, ताकि आगे खतरा अधिक ना बढ़े।
केजरीवाल ने पत्र में लिखा, "आज दोपहर 1 बजे दिल्ली में यमुना का स्तर 207.55 मीटर पहुँच गया है। ये खतरे के निशान (205.33 मीटर) से बहुत ऊपर है। इसके पहले यमुना का अभी तक अधिकतर स्तर वर्ष 1978 में पहुँचा था जो कि 207.49 मीटर था। उस वक्त दिल्ली में बाढ़ आ गई थी और काफी गंभीर स्थिति हो गई थी। 207.55 मीटर के स्तर पर अब यमुना में कभी भी बाढ़ आ सकती है।"
सीएम ने कहा, "अभी कुछ देर पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत जी का फोन आया, जिन्होंने बताया कि हथिनीकुंड बैराज के आसपास पानी के प्रवाह को रोकने की व्यवस्था नहीं है। मगर अब हिमाचल प्रदेश से आने वाले पानी की गति कम हो गई है। इसलिए कुछ दिनों में राहत मिल जाएगी।"
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, "अभी जो पानी हथिनीकुंड बैराज से निकल चुका है, उसकी वजह से यमुना का जलस्तर और बढ़ेगा। इसलिए हमें सतर्क रहना होगा। मैं सभी से निचले इलाकों में अपने घर खाली करने का अनुरोध करता हूं। यमुना में जलस्तर बढ़ने से कई जगहें प्रभावित हुई हैं। साथ ही बाढ़ देखने की चेष्टा से यमुना नदी के आसपास ना जाएं। आपकी जान को खतरा हो सकता है।"
बता दें कि बुधवार को दिल्ली में यमुना का जलस्तर 207.55 मीटर तक बढ़ गई, जिसने 1978 में बनाए गए 207.49 मीटर के अपने सर्वकालिक रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इस बात का उल्लेख भी केजरीवाल ने अपनी प्रेस वार्ता में किया। उल्लेखनीय है कि यमुना के अपने उच्च जलस्तर 207.55 मीटर तक पहुंचने के कारण बाढ़ का खतरा बढ़ने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को एक आपात बैठक बुलाई थी।
गौरतलब है कि मंगलवार दोपहर हथिनीकुंड बैराज से 3 लाख 59 हजार क्यूसेक पानी यमुना में छोड़े जाने के बाद जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है। पथराला नदी, सोम नदी और अन्य पहाड़ी नदियों, जो कि यमुना की सहायक नदियाँ हैं, के बढ़े हुए जलस्तर के कारण यमुना के जल स्तर में भी अचानक वृद्धि हुई है।