कई खनिजों से भरपूर है बांस का चारकोल, इंफ्रा रेड किरणों को भी रोकने में सक्षम
ब्लैक डायमंड के नाम से मशहूर बांस से बनने वाला चारकोल पानी को शुद्ध करने के साथ साथ चेहरे की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। एक चिकित्सा अध्ययन में दावा किया है कि बांस का चारकोल वायु प्रदूषण के चलते हवा में मौजूद जहरीले तत्वों को चेहरे पर टिकने नहीं देता है। साथ ही भीषण गर्मी में इसकी परत त्वचा का बचाव भी करती है।
इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ मल्टीडिसिप्लेनरी रिसर्च एंड प्रैक्टिस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा है कि बांस चारकोल प्राकृतिक रुप से कई खनिजों जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, एसीटिक एसिड, हाइड्रॉक्सिल बेंजीन आदि से भरपूर होता है। इससे निर्मित क्रीम या फेसवास जीवाणुओं की वृद्धि को रोकते हैं।
आयुथवेदा के निदेशक डॉ. संचित शर्मा ने बताया कि सक्रिय बांस चारकोल से निर्मित आयुथवेदा चारकोल फेसवास त्वचा की गंदगी और अशुद्धियों को बाहर निकाल कर त्वचा को साफ़ करता है। यह त्वचा को प्रदूषण से बचाता और अतिरिक्त तेल को सोख लेता है। इसमें सक्रिय बांस चारकोल के साथ साथ अति लाभकारी कमल, पलाश, गेंदा तथा गुलाब के फूलों एवं मौसम्बी और संतरे का अर्क भी मिलाते हैं।
बांस चारकोल फेसवास की कई किस्में, एशियाई और यूरोपीय बाजार में उपलब्ध हैं। डॉ. संचित शर्मा बताते हैं कि बिक बांस के टुकड़ों एवं जड़ों से चारकोल तैयार होता है। इसे ब्लैक डायमंड के नाम से भी जानते हैं। हालांकि चारकोल अन्य लकड़ियों से भी बनता है लेकिन वन कानूनों के चलते इसे हासिल करना आसान नहीं है। जबकि बांस पेड़ नहीं है, एक घास है, उससे हासिल करने में कोई दिक्कत नहीं है। सबसे तेजी से बढ़ने वाले पौधा बांस में कई अनूठी विशेषताएं हैं जिसमें से अन्य नियमित कोयले की तुलना में इसकी अवशोषण दर चार गुना और सतह क्षेत्र 10 गुना अधिक है।