कैबिनेट विस्तार से पहले मोदी सरकार ने बनाया 'मिनिस्ट्री ऑफ को-ऑपरेशन', जानें क्या होगी जिम्मेदारी
केंद्रीय विस्तार से पहले मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक अलग मंत्रालय बनाया है। इसका नाम 'मिनिस्ट्री ऑफ को-ऑपरेशन' (सहकारिता मंत्रालय) है। ये मंत्रालय देश में सहकारिता से जुड़े कार्यों के लिए प्रशासनिक, कानूनी और पॉलिसी फ्रेमवर्क को मज़बूत करने का काम करेगा। वित्त मंत्री ने बजट में अलग सहकारिता मंत्रालय को लेकर बजट में घोषणा की थी।
ये मंत्रालय सहकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचने में मदद करेगा। इसके जरिये को-ऑपरेटिव्ज यानी सहकारी समितियां लोगों से गहराई से जुड़ सकेंगी। देश में सहकारिता आधारित आर्थिक विकास का मॉडल बहुत प्रासंगिक है। इसमें प्रत्येक सदस्य जिम्मेदारी की भावना के साथ काम करता है। मंत्रालय सहकारी समितियों के लिए 'व्यापार सुगमता' यानी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की प्रक्रियाओं को आसान बनाएगा। साथ ही मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव्ज (एमएससीएस) के विकास को सक्षम करने के लिए काम करेगा।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहला मंत्रिमंडल विस्तार बुधवार को होने की उम्मीद है। चर्चा है कि बुधवार शाम छह बजे राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में शपथ ग्रहण समारोह होगा। प्रधानमंत्री के तौर पर मई 2019 में 57 मंत्रियों के साथ नरेंद्र मोदी ने अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया था। माना जा रहा है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल में उत्तर प्रदेश को खास तवज्जो दी जाएगी। मंत्रिपरिषद में विस्तार व फेरबदल से पहले बुधवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल की बैठक करेंगे।
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि यह निर्णय सहकारिता सेक्टर और उससे जुड़े लोगों को सशक्त करेगा। देश के सहकारिता सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। उन्होंने कहा, ''मोदी सरकार पिछले 7 वर्षों से देश के गांव, गरीब व किसानों के कल्याण और उनसे संबंधित व्यवसायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर सेवारत है।''