Advertisement
29 November 2022

भगवद गीता ने दुनिया का मार्गदर्शन किया: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

चंडीगढ़, मंगलवार को कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का शुभारंभ करते हुए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी में कहा कि 75 भाषाओं मेंं अनुवादित गीता से महात्मा गांधी और लोकमान्य तिलक से लेकर प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी पवित्र ग्रंथ गीता से मार्गदर्शन प्राप्त किया था। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बतौर राष्ट्रपति उनकी पहली यात्रा का आरंभ धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र से होने पर उन्हें आनंद की अनुभूति हो रही है। कुरुक्षेत्र की पावन में सरस्वती के तट पर वेद और पुराणों को लिपिबद्ध किया गया। महाभारत में कुरुक्षेत्र की तुलना स्वर्ग से की गई है। वर्ष 2016 से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

गरीबी रेखा से नीचे परिवारों की स्वास्थ्य जांच के लिए निरोगी हरियाणा योजना और सिरसा में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास करते हुए इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि जनकल्याण के यह कार्य हमें गीता के उस संदेश की याद दिलाती है कि समस्त प्राणियों के हित में लगे लोग भगवान के कृपा पात्र होते हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हरियाणा के लिए बड़े गर्व की बात है कि यहां के जवानों, किसानों व बेटियों ने अपने जीवन में गीता के कर्म करने के संदेश को अपनाया है। श्रीमद्भगवद्गीता हमें कर्म करने का संदेश देती है, आलस्य का त्याग करने का संदेश देती है। अक्रमणता को त्याग कर कर्म करने से जीवन स्वस्थ होता है। महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वे गीता को माता मानते थे।

Advertisement

हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि गीता में धर्म और अध्यात्म का सार है। यह किसी मजहब का नहीं मानव जीवन का सारांश है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता में कर्मयोग का संदेश दिया गया है और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर्मयोग की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं। उन्होंने साधारण परिवार में जन्म लेकर भी असाधारण उपलब्धि हासिल की, जो हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
OUTLOOK 29 November, 2022
Advertisement