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08 February 2017

भागवत ने बैतूल जेल में गोलवलकर को किया नमन, कांग्रेस नाराज

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बैतूल में आयोजित होने वाले विराट हिन्दू सम्मेलन में शिरकत करने आये भागवत प्रात: 11 बजे बैतूल जिला जेल पहुंचे। जेल पहुंचने के बाद वह सीधे जेल के उस बैरक नंबर-एक में गये, जहां गुरु गोलवलकर को वर्ष 1949 में संघ पर उस समय लगे प्रतिबंध के दौरान लगभग तीन माह के लिए कारागार में रखा गया था। महात्मा गांधी की हत्या के बाद संघ पर उस समय प्रतिबंध लगाया गया था।

भागवत ने बैरक नंबर-एक में पहुंचकर गोलवलकर को श्रद़धा सुमन अर्पित किये। वह जिला जेल में लगभग 20 मिनट तक रुके।

वहीं,  मध्यप्रदेश कांग्रेस ने उनके इस दौरे पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि यह जेल मैनुअल का उल्लंघन होने के साथ-साथ प्रतिबंधित संगठन के एक सदस्य को महिमामंडित करने का प्रयास है।

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इस दौरान भागवत के साथ आरएसएस के सह सरसंघचालक सुरेश सोनी एवं बैतूल विधायक हेमंत खण्डेलवाल सहित संघ एवं भाजपा के लगभग 15 नेता मौजूद थे।

जिला जेल में बैरक नंबर-एक में गोलवलकर की फोटो भी लगी हुई है। इस पर माला डाली गयी है। इस फोटो के आसपास कुछ हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीरें भी हैं। इसके अलावा, इन तस्वीरों के आगे एक दीपक भी जलाया गया है।

इन तस्वीरों में एक श्लोक भी है जिसमें लिखा है राष्टाय स्वाहा राष्टाय इदं न मम यानी इस देश के लिए मैं अपना सब कुछ अर्पित करता हूं। अब सब कुछ राष्ट का है, मेरा नहीं है।

भागवत एक दिवसीय संघ परिवार की विराट हिंदू सम्मेलन को संबोधित करने आये हैं। वह मंगलवार देर रात भोपाल से बैतूल पहुंचे। बैतूल जिले में बड़ी तादात में आदिवासी रहते हैं।

मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के. के. मिश्रा ने कहा, भाजपा उस गोलवलकर को महिमामंडित करने का प्रयास कर रही है, जिसे एक प्रतिबंधित संगठन के सदस्य होने के नाते गिरफ्तार किया गया था। यह जेल मैनुअल का उल्लंघन भी है। केवल कैदी के ही परिजन एवं दोस्त ही जेल परिसर में जा सकते हैं और वह भी वहां जाने से पहले जेल प्रबंधन की अनुमति लेने जरूरी है।

मिश्रा ने कहा, राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि भागवत ने किस हैसियत से जेल का दौरा किया है।

वहीं, दूसरी ओर एक भाजपा नेता ने बताया कि विधायक हेमंत खंडेलवाल ने जेल अधिकारियों से इसकी अनुमति ली है।

एक स्थानीय भाजपा नेता ने कहा, खंडेलवाल ने बैरक नंबर एक में जाने के लिए 14 लोगों की अनुमति ली थी। हालांकि, जेल प्रशासन ने केवल सात लोगों की अनुमति दी।

गौरतलब है कि 30 जनवरी 1948 को राष्टपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद संघ पर प्रतिबंध लगने के कारण गोलवलकर को गिरफ्तार कर सिवनी की एक जेल में रखा गया था, जहां से उन्हें अप्रैल 1949 को बैतूल जेल में लाया गया था। जिला जेल के बैरक नंबर एक में उन्हें लगभग तीन महीने तक रखा गया और संघ से प्रतिबंध हटने के बाद 13 जुलाई 1949 को वे यहां से रिहा हुए थे। भाषा

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TAGS: गोलवलकर, मोहन भागवत, संघ, बैतूल, शिवराज सिंह चौहान, shivraj singh chouhan, golwalkar, rss, baitul, mohan bhagwat
OUTLOOK 08 February, 2017
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