सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ चंद्रशेखर आजाद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद, स्वामी अग्निवेश और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्लाह ने नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
जानकारी के मुताबिक, अपनी याचिका में चंद्रशेखर ने कहा कि सीएए अनुसूचित जाति और जनजाति के नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन करता है। बता दें कि चंद्रशेखर की याचिका उन 144 याचिकाओं से अलग है, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। माना जा रहा है कि चंद्रशेखर की याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट पांच हफ्ते बाद सुनवाई कर सकता है।
जामा मस्जिद पर सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन में आजाद ने लिया था हिस्सा
बता दें कि चंद्रशेखर आजाद ने बीते दिनों जामा मस्जिद पर सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया था, इसी के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। काफी लंबे समय तक वो तिहाड़ जेल में रहे, हालांकि दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।
दिल्ली आने की मिल चुकी है इजाजत
भीम आर्मी चीफ को पहले चार हफ्ते के लिए दिल्ली से बाहर रहने का आदेश दिया गया था, लेकिन मंगलवार को ही तीस हजारी कोर्ट ने उन्हें सशर्त दिल्ली आने की इजाजत दी है। चंद्रशेखर को दिल्ली आने से पहले जिस स्थान पर जाना है उस थाने के डीएसपी को जानकारी देनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट में चार हफ्ते बाद होगी सुनवाई
बुधवार को सर्वोच्च अदालत में नागरिकता संशोधन एक्ट के मसले पर सुनवाई हुई। अदालत में इस कानून के खिलाफ 140 से अधिक याचिकाएं दायर की गई थी, जिनपर अब चार हफ्ते के बाद सुनवाई होगी। कोर्ट ने केंद्र को चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है और पांचवें हफ्ते में इसपर सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ ही कई याचिकाओं की अलग कैटेगरी बनाई है। सुप्रीम कोर्ट में अब असम, पूर्वोत्तर और उत्तर प्रदेश से जुड़ी इन याचिकाओं पर अलग से सुनवाई हो होगी। पांच हफ्ते के बाद होने वाली अगली सुनवाई में सर्वोच्च अदालत इस मसले को संविधान पीठ के पास भेजने का फैसला ले सकती है।