देखें, कैसे भूटान के नन्हे राजकुमार ने जीता राष्ट्रपति कोविंद, सुषमा स्वराज और पीएम मोदी का दिल
इन दिनों भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक भारत दौरे पर हैं। न सिर्फ भूटान के राजा ही बल्कि उनके साथ उनकी पत्नी जेत्सुन पेमा वांगचुक और नन्हें राजकुमार जिग्मे नामग्याल वांगचुक भी भारत आए हुए हैं। भूटान का ये शाही परिवार मंगलवार को राजधानी दिल्ली पहुंचा था, जहां विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी की थी। भारत की धरती पर कदम रखते ही सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरने वालों में शाही परिवार के छोटे राजकुमार हैं।
नन्हें राजकुमार जब से भारत आए हैं तभी से वो सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। हर कोई उनकी क्यूटनेस पर फिदा हो गया है। यहां तक कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सुषमा स्वराज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुद को नहीं रोक पाए।
पांच फरवरी 2016 को जन्मे राजकुमार की उम्र अभी मात्र पौने दो साल है। राजकुमार के जन्म पर भूटान में एक लाख आठ हजार पेड़ लगाये थे। यह अपने आप में पर्यावरण को लेकर बड़ी सीख देने वाली पहल है। प्रकृति के प्रति प्यार वह वजह है, जो वहां के लोग को खुश व संतुष्ट रखता है और शायद इसी कारण हमारा यह पड़ोसी देश वर्ल्ड हेप्पीनेस इंडेक्स में हमेशा शीर्ष स्थानों पर रहता है।
यहां देखें तस्वीरें....
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भूटान के शाही परिवार का किया ऐसे स्वागत...
राजकुमार की अंगुली पकड़कर उन्हें एयरपोर्ट से बाहर लेकर आती सुषमा स्वराज....
सुषमा स्वराज और भूटान नरेश की किसी गंभीर मुद्दे पर बातचीत को ध्यान से सुनते नन्हें राजकुमार...
सुषमा स्वराज ने राजकुमार को गिफ्ट भी दिया...
इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की भूटान के छोटे राजकुमार से मुलाकात....
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जब राजकुमार को गिफ्ट दिया तब उनके चेहरे पर ठीक वही मुस्कान थी जो गिफ्ट मिलने पर किसी भी बच्चे के चेहरे पर आ जाती है...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नन्हें राजकुमार को देखकर काफी खुश हुए और झुककर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया...
भूटान के नन्हे राजकुमार के साथ मस्ती करते पीएम मोदी....
छोटे राजकुमार को फुटबाल देते और उनके साथ खेलते पीएम नरेंद्र मोदी...
चीन और भारत के बीच डोकलाम विवाद को सुलझाने में भूटान की भूमिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सराहनीय बताया है। कोविंद ने बुधवार को कहा कि दोनों देशों की सुरक्षा चिंताएं साझा और अभिन्न हैं। राष्ट्रपति ने चीन के साथ 73 दिनों तक चलने वाले विवाद को सुलझाने में भूटान नरेश के हस्तक्षेप और दिशा-निर्देशन को लेकर आभार भी जताया और कहा, हमारा संबंध विशिष्ट और उल्लेख्ानीय है। दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्ते विश्वास और आपसी समझ पर आधारित हैं।
भारत और भूटान को द्विपक्षीय रिश्तों को पड़ोसी देशों के लिए प्रतिमान के तौर पर पेश करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। इस दौरान राष्ट्रपति ने विशिष्ट संस्कृति को बरकरार रखते हुए भूटान की प्रगति पर प्रसन्नता भी जाहिर की।