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25 August 2022

बिलकिस बानो केस में केंद्र और गुजरात सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, अब दो हफ्ते बाद होगी सुनवाई

बिलकिस बानो केस के दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है, साथ ही सभी दोषियों को भी पक्ष बनाने का निर्देश दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

बता दें कि गोधरा कांड के बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे और इसी दंगे के दौरान बिलकिस बानों के परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। इतना ही नहीं दंगाइयों ने बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया था। 

बिलकिस बानो केस के दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। इसकी अलगी सुनवाई अब 2 हफ्ते बाद होगी। सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को भी पक्ष बताने का निर्देश दिया और गुजरात सरकार से 11 दोषियों की रिहाई पर जवाब मांगा है।

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दरअसल, सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली समेत चार लोगों ने मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की है।

बता दें कि मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 21 जनवरी, 2008 को हत्या और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सभी 11 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा। इन दोषियों ने 15 साल से अधिक समय तक जेल में सेवा की, जिसके बाद उनमें से एक ने अपनी समयपूर्व रिहाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को उसकी सजा की छूट के मुद्दे को 1992 की नीति के अनुसार उसकी दोषसिद्धि की तारीख के आधार पर देखने का निर्देश दिया था। इसके बाद, सरकार ने एक समिति का गठन किया और सभी दोषियों को जेल से समय से पहले रिहा करने का आदेश जारी किया। 

दोषियों की रिहाई के बाद बिलकिस बानो ने भावुक होते हुए कहा था कि जब मैंने सुना कि 11 अपराधी जिन्होंने मेरे परिवार और मेरे जीवन को तबाह कर दिया और मेरी 3 साल की बेटी को मुझसे छीन लिया, वे आज मुक्त हो गए तो मैं पूरी तरह से निःशब्द हो गई। मैं अभी भी स्तब्ध हूं। आज मैं बस इतना ही कह सकती हूं - किसी भी महिला के लिए न्याय इस तरह कैसे खत्म हो सकता है? मुझे अपने देश की सर्वोच्च अदालतों पर भरोसा था। मुझे सिस्टम पर भरोसा था और मैं धीरे-धीरे अपने आघात के साथ जीना सीख रही थी। इन दोषियों की रिहाई ने मेरी शांति छीन ली है और न्याय में मेरे विश्वास को हिला दिया है।

गौरतलब है कि गोधरा कांड के बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे और इसी दंगे के दौरान 3 मार्च 2002 को दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में भीड़ ने बिलकिस बानो के परिवार पर हमला किया था। बिलकिस बानो, जो उस समय पाँच महीने की गर्भवती थी, के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसके परिवार के सात सदस्यों को दंगाइयों ने  निर्मम हत्या कर दी।

 

 

 

 

 

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TAGS: Bilkis Bano case, Supreme Court, Modi Government, Gujarat Government, 11 convicts
OUTLOOK 25 August, 2022
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