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09 November 2017

किसानों के लिए बजट में भाकियू ने मांगा विशेष प्रावधान

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने किसानों को आत्महत्या से बचाने और उन्हें कर्ज के दलदल से छुटकारा दिलाने के लिए बजट में विशेष प्रावधान की मांग की है। नेशनल सैम्पल सर्वे की 70वीं रिपोर्ट का हवाला देते हुए यूनियन ने कहा है कि एक किसान परिवार की औसत मासिक आय 3844 रुपये है। इनमें पशुपालक भी शामिल हैं। इतनी कम आय में परिवार का पालन-पोषण संभव नहीं है। जिसके कारण किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। बढ़ते कर्ज के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं और खेती छोड़ने को मजबूर हैं।

इस संबंध में किसानों के आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने को लेकर दिल्ली में यूनियन की एक बैठक हुई। इसमें यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, भाकियू पंजाब प्रांत के अध्यक्ष अजमेर सिंह लाखोवाल, हरियाणा प्रांत के अध्यक्ष रतनसिंह मान, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विरेन्द्र डागर आदि शामिल हुए। भाकियू नेताओं ने कहा कि बिना किसी योजना एवं कार्यक्रम के किसानों की आय दोगुना करने का केंद्र सरकार का नारा खोखला साबित हो रहा है। जगह-जगह आन्दोलन हो रहे हैं, लेकिन सरकार आंदोलनकारियों से बातचीत कर समस्या का समाधान करने की बजाय दमनकारी नीतियां अपना रही है। इसका ताजा उदाहरण मध्यप्रदेश है, जहां आंदोलन कर रहे किसानों पर गोलियां बरसाई गईं। छह किसानों की मौत हो गई और किसानों पर ही हिंसा भड़काने का मुकदमा दर्ज कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।

यूनियन ने किसानों और खेती के हालात में बदलाव के लिए सरकार से उत्पादन लागत में 50 प्रतिशत जोड़कर मूल्य देने और कृषि मूल्य आयोग समाप्त करने की मांग की है। इसके साथ्‍ा ही ‌‌किसानों की ओर से सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर फसल खरीद गारंटी योजना लागू करने, खेती-किसानी की खराब हालत को देखते हुए किसानों के सभी तरह के कृषि ऋण पूरी तरह माफ करने, किसानों को लम्बी समयावधि के लिए कर्ज देने, क्रेडिट कार्ड, फसली ऋण व मशीनरी हेतु पांच वर्ष के लिए शून्य ब्याज पर कर्ज देने, किसान क्रेडिट कार्ड पर कम ब्याज की सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख करने, कर्ज के कारण आत्महत्या करने वाले परिवारों की आर्थिक मदद के लिए राष्ट्रव्यापी नीति बनाने, किसानों की न्यूनतम आमदनी तय करने, खेती-किसानी के मुद्दे पर संसद पर चर्चा हेतु विशेष सत्रः बुलाने की मांग रख्‍ाी ग है। इन मसलों पर चर्चा के लिए भाकियू अगले साल 3 मार्च को संसद मार्ग पर किसान महापंचायत का आयोजन भी करेगा।

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OUTLOOK 09 November, 2017
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