महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जमानत, पर अब भी रहेंगे जेल में, जानें क्या है वजह
बंबई उच्च न्यायालय धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को जमानत दे दी है। कई महीनों से अनिल देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद थे। उन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन्हें 1 लाख रुपये का मुचलका जमा कराने के बाद जमानत दी गई है। हालांकि जमानत मिलने के बाद भी अनिल देशमुख जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। इसकी वजह यह है कि उनके खिलाफ सीबीआई ने भी केस दर्ज किया है और उस मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है। ऐसे में वह अब भी जेल में ही बने रहेंगे।
न्यायमूर्ति एन. जे. जामदार ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पिछले सप्ताह मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता की याचिका पर तेजी से सुनवाई करके फैसला सुनाए, क्योंकि यह मामला छह महीने से लंबित है। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसीटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि देशमुख को कोई ऐसी बीमारी नहीं है जिसका इलाज कारागार अस्पताल में ना हो सके।
Former Maharashtra minister Anil Deshmukh has been granted bail in the case registered against him by ED. Even after bail in the ED case, he will remain behind the bars in the CBI case registered against him.
— ANI (@ANI) October 4, 2022
ईडी ने नवंबर 2021 में देशमुख को गिरफ्तार किया था और वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था और फिर ईडी ने भी उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।
ईडी ने दावा किया है कि देशमुख ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और मुंबई के विभिन्न ‘बार’ व रेस्तरां से 4.7 करोड़ रुपये की उगाही की। एजेंसी ने आरोप लगाया कि गलत तरीके से अर्जित धन को देशमुख ने उनके परिवार द्वारा नियंत्रित नागपुर के शैक्षिक ट्रस्ट ‘श्री साईं शिक्षण संस्थान’ को भेजा था।