ब्रह्माकुमारी की मुखिया दादी हृदयमोहिनी नहीं रहीं, लंबे समय से थीं बीमार
राजस्थान के सिरोही के माउंट आबू स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासक दादी हृदय मोहिनी का गुरुवार को मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 93 वर्ष की थीं। उनका पिछले 2 हफ्ते से अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके निधन पर धार्मिक, राजनीतिक जगत से जुड़ी हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। 13 मार्च को सुबह माउंट आबू के ज्ञान सरोवर अकादमी में अंतिम संस्कार किया जाएगा। वहीं, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आध्यात्मिक संगठन ब्रह्मकुमारी की प्रमुख राजयोगिनी दादी हृदय मोहिनी के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है।
वे ब्रह्मा बाबा द्वारा सन 1937 में बोर्डिंग स्कूल के बच्चों में से एक रही हैं। ब्रह्मकुमारीज में दादी जानकी के निधन के बाद राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुखिया बनाया गया था। दादी ने संस्था को ऊंचाईयों के शिखर पर ले जाने में बड़ा योगदान दिया। दादी हृदयमोहिनी का जन्म कराची में हुआ, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने पूरे विश्व को अपना घर समझा और खुदको परमात्मा के संदेश को फैलाने का एक जरिया बनाया। सिर्फ भारत ही नहीं उन्होंने विदेशों में भी परमात्मा के ज्ञान का परिचय दिया है।
वहीं, वेंकैया नायडू ने गुरुवार को यहां जारी एक संदेश में कहा कि दादी आहत मानवता के लिए आस्था और आशा की किरण थी. उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन राज योग शिक्षा के लिए समर्पित कर दिया।
नायडू ने कहा, “ ब्रह्मकुमारी प्रमुख राजयोगिनी दादी हृदय मोहिनी जी के देहांत का समाचार जान कर दुखी हूं। उन्हें सब स्नेह से 'दादी गुलज़ार' के नाम से भी जानते थे। आपने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज सेवा, लोगों के आध्यात्मिक मार्गदर्शन तथा उन्हें राजयोग की शिक्षा देने में समर्पित कर दिया। आहत मानवता के लिए दादी आशा और आस्था की किरण थीं। शोक की इस घड़ी में ब्रह्मा कुमारी परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। ओम शांति!”