सुप्रीम कोर्ट से बसपा को मिली बड़ी राहत
हाई कोर्ट ने गत 13 जनवरी को नीरज की शिकायत पर चुनाव आयोग को विचार करने की बात कहते हुए याचिका निपटा दी थी। इसके खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट आए थे। नीरज के वकील विष्णु शंकर जैन ने न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ से बसपा के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि बसपा ने धर्म के नाम पर टिकट बांटे हैं और वोट मांगा है।
ऐसा करना कानून और चुनाव आचार संहिता दोनों का उल्लंघन है। उन्होंने प्रेस क्लीपिंग पीठ के समक्ष पेश करते हुए कहा कि अभी हाल में 21 जनवरी को फिर बसपा प्रमुख मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है जिसमें उन्होंने मुसलमानों से बसपा को वोट करने की अपील की है। इन दलीलों पर पीठ ने कहा कि आप सही हो सकते हैं,लेकिन प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है इसलिए कोर्ट मामले में दखल नहीं देगा।
याचिका में कहा गया था कि बसपा द्वारा धर्म के आधार पर वोट की अपील करने से उत्तर प्रदेश का पूरा विधानसभा चुनाव प्रभावित होता है। मांग थी कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि वो जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 29ए में बसपा के खिलाफ कार्रवाई करे क्योंकि पार्टी ने पंजीकरण के समय इस धारा के तहत की गई धर्मनिरपेक्षता की घोषणा का उल्लंघन किया है।