Advertisement
18 April 2018

20 साल बाद फिर साथ आए बसपा-इनेलो, भाजपा-कांग्रेस पर लगाया देश लूटने का आरोप

TWITTER

आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के बीच गठबंधन हो गया है। इनेलो नेता अभय चौटाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी। अब दोनों दल साल आगामी लोकसभा चुनाव और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे।

चौटाला के मुताबिक, इस गठबंधन का मकसद बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ तीसरा मोर्चा तैयार करना है। यह तीसरा मोर्चा बसपा सुप्रीमो मायावती के नेतृत्व में बनेगा। इस मौके पर बसपा प्रांतीय अध्यक्ष प्रकाश भारती, बसपा के हरियाणा प्रभारी डॉक्टर मेघराज और बसपा कोटे से पूर्व मंत्री अकरम खान भी मौजूद थे। हालांकि सीटों के बंटवारे को लेकर अभी कुछ तय नहीं हुआ है। इस बारे में चुनाव के दौरान फैसला होगा।

इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने 'आउटलुक' से बातचीत में बताया, 'देश में तीसरे मोर्च की पहल शुरू हो चुकी है। इस पहल के तहत राज्य विधानसभा और आगामी लोकसभा चुनाव बसपा के साथ मिलकर लड़ेंगे।' 

Advertisement

मायावती और अभय चौटाला की पार्टी के बीच हुए इस गठबंधन के बाद कहा गया कि यह तीसरा मोर्चा बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ है। उनका आरोप है कि दोनों दलों ने देश को लूटा है और अब इनको सत्ता से बाहर किया जाएगा।

इनेलो का दावा है कि यह तीसरा मोर्चा किसानों और दलितों को एक मंच पर लाने का काम करेगा। पार्टी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के आने के बाद से हरियाणा अब तक तीन बार जल चुका है। 

बसपा के साथ इनेलो का दूसरी बार गठबंधन

बसपा का इनेलो से दूसरी बार गठबंधन हुआ है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा में इनेलो व बसपा के बीच गठबंधन की बात कोई नई नहीं है। दोनों दलों के बीच 1998 में भी गठबंधन हुआ था और तब इनेलो बसपा के बीच क्रमश: 6-4 पर समझौता हुआ था। यानी छह सीटों पर इनेलो व चार सीटों पर बसपा ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनेलो ने छह में चार सीटें जीतीं थी, जबकि बसपा को चार में से सिर्फ एक सीट पर ही विजय हासिल हुई थी। इनेलो व बीजेपी में गठबंधन होने पर 1999 में इनेलो ने बीएसपी से किनारा कर लिया था।

हरियाणा का इतिहास गवाह है इनेलो आज तक बिना गठबंधन के सत्ता में कभी भी नहीं आई। इनेलो का ज्यादातर राजनीतिक गठबंधन अतीत में होता रहा है। 2014 में इनेलो व बीजेपी ने 90 सीटों पर अलग-अलग चुनाव लड़े। इनेलो चुनावों से पहले गठबंधन करके वोट प्रतिशत में इजाफा करने का जबरदस्त दावा खेल गई है। इस गठबंधन से कांग्रेस व बीजेपी का सिरदर्द अब बढ़ेगा।

वर्ष 2019 के लोकसभा व विधानसभा चुनावों में इनेलो व बीएसपी में गठबंधन अपने तेवर दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। इनेलो में पहले भी दलित व पिछड़ी जाति के विधायकों की संख्या कम नहीं है। मिशन 2019 के लिए इनेलो-बीएसपी गठबंधन राजनीतिक तौर पर एक ताकत न बने के लिए अब दूसरे दल भी पेंटरेबाजियों में लगेंगे। विधानसभा के चुनावों को एक साल का समय बचा है लेकिन विभिन्न राजनीतिक दलों ने चुनावी बिसात पर अपनी गोटियां बिछाने का काम अभी से शुरू कर दिया है। पिछले 14 साल से सत्ता का वनवास काट रहे हरियाणा के मुख्य विपक्षी व क्षेत्रीय दल इंडियन नेशनल लोकदल ने सत्ता में वापसी की राह तलाशने के लिए बीएसपी की बैसाखी का सहारा लिया है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: BSP, 2019, general election, INLD, haryana
OUTLOOK 18 April, 2018
Advertisement