आजादी से पहले अंग्रेजों के साथ काम कर कांग्रेस ने गुलामी की मानसिकता को आत्मसात किया: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कांग्रेस पर सरदार वल्लभभाई पटेल को अस्वीकार करने का आरोप लगाया और कहा कि आजादी से पहले अंग्रेजों के साथ काम करने के बाद इसने ‘‘गुलामी मानसिकता’’ अपना ली थी। मोदी ने कहा कि एक समुदाय, जाति या धर्म को दूसरे समुदाय के खिलाफ भड़काने की कांग्रेस की 'नीति' ने गुजरात को कमजोर कर दिया।
पीएम गुजरात के आणंद जिले के सोजित्रा कस्बे में एक प्रचार रैली को संबोधित कर रहे थे, जहां राज्य विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में पांच दिसंबर को मतदान होगा। पीएम ने कहा, "कांग्रेस को केवल सरदार पटेल से ही नहीं, बल्कि भारत की एकता से भी समस्या है, क्योंकि उनकी राजनीति फूट डालो और राज करो की नीति पर आधारित है जबकि पटेल सभी को एकजुट करने में विश्वास करते थे। इस भारी अंतर के कारण अपने स्वयं के रूप में कांग्रेस ने कभी सरदार पटेल को नहीं माना।“
उन्होंने कहा, "कांग्रेस के लोगों ने कई वर्षों तक (आजादी से पहले) अंग्रेजों के साथ काम किया था। नतीजतन, पार्टी ने अंग्रेजों की सभी बुरी आदतों को आत्मसात कर लिया, जैसे कि बांटो और राज करो की नीति और गुलाम मानसिकता।" उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल के नेता नर्मदा जिले में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, पटेल की प्रतिमा और स्मारक पर जाने से बचते हैं। पीएम ने कहा, "सिर्फ इसलिए कि मोदी ने मूर्ति बनाई है, पटेल आपके लिए अछूत हो गए? मुझे यकीन है कि आनंद जिले के लोग सरदार पटेल का अपमान करने के लिए कांग्रेस को सजा देंगे।"