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13 July 2021

डब्ल्यूएचओ ने चेताया- मिक्स ना करें कोरोना वैक्सीन की डोज, हो सकता है खतरनाक!

कोरोना महामारी के खिलाफ दुनिया भर में लड़ाई जारी है और कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक कोरोना वैक्सीन को पहुंचाया जाए। तमाम देशों में युद्धस्तर पर कोरोना वैक्सीन देने का काम चल रहा है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 वैक्सीन के मिक्सिंग और मैचिंग को लेकर चेताया है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अभी कोई भी वैक्सीन को मिक्स कर डोज़ ना लें, ये खतरनाक हो सकता है।

सोमवार को संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अलग-अलग कंपनियों के बने वैक्सीन का इस्तेमाल पहले और दूसरे डोज के तौर पर करना एक खतरनाक ट्रेंड है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से साफ किया गया है कि इस मिक्सिंग के क्या परिणाम होते हैं, फिलहाल इसके बारे में कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। 

एक ऑनलाइन ब्रीफिंग के दौरान स्वामीनाथन ने कहा कि कई लोगों ने हमसे पूछा कि उन्होंने वैक्सीन की एक डोज ली है और अब उनकी योजना दूसरी डोज किसी अन्य कंपनी की लेने की है। लेकिन यह थोड़ा खतरनाक ट्रेंड है। हमारे पास वैक्सीन के मिक्सिंग और मैचिंग को लेकर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। 

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दरअसल, अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन को मिलाने और मैचिंग करने का यह तरीका इम्यून को बढ़ाने के लिए किया जाता है। फाइजर, एस्ट्रेजेनेका, स्पूतनिक, इन सभी वैक्सीनों के दो डोज दिये जा रहे हैं। सभी कंपनियों के वैक्सीन के डोज के बीच का समय अंतराल अलग-अलग है। स्पूतनिक वी लाइट और जॉनसन एंड जॉनसन के वैक्सीन का सिर्फ एक डोज ही दिया जा रहा है। 

सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि मिक्स और मैच को लेकर सीमित डेटा ही मौजूद है। इसपर अभी अध्ययन किया जा रहा है और इसका इंतजार किया जाना चाहिए। हो सकता है कि यह एक अच्छी कोशिश हो। लेकिन इस वक्त हमारे पास सिर्फ एस्ट्रेजेनेका वैक्सीन को लेकर ही डेटा मौजूद है। अगर अलग-अलग देशों के नागरिक खुद यह तय करने लगेंगे कि कब और कौन दूसरा, तीसरा और चौथा डोज लेगा तब अराजक स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। 

इसके साथ ही सौम्या स्वामीनाथन ने पूरे विश्व में वैक्सीन के एक समान वितरण पर जोर दिया। सौम्या स्वामीनाथ ने साफ किया कि इस बारे में भी अभी कोई डेटा उपलब्ध नहीं है कि बूस्टर शॉट की कितनी जरूरत है, खासकर कोरोना के खिलाफ लड़ने वाले दोनों वैक्सीन लेने के बाद। इसके बजाए कोवैक्स कार्यक्रम के जरिए दवाइयों के वितरण की जरूरत है खासकर उन देशों में जिन्हें अभी अपने फ्रंट लाइन वर्क्स, उम्रदराज लोग और कीमती आबादी को इम्यून करने की जरूरत ज्यादा है। 

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TAGS: 'Caution folks', WHO scientist, flags, 'dangerous trend', mixing, COVID-19 vaccines
OUTLOOK 13 July, 2021
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