कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को नहीं मिली राहत, न्यायिक हिरासत 25 अक्टूबर तक बढ़ी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार न्यायिक हिरासत को दिल्ली की एक अदालत ने 25 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मांग पर अदालत ने यह आदेश दिया है। मनी लॉन्ड्रिंग के केस में उनकी हिरासत की अवधि को समाप्त होने पर ईडी ने उन्हें कोर्ट में पेश किया था और हिरासत बढ़ाए जाने की मांग की थी।
कर्नाटक में कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार को पिछले महीने मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में गिरफ्तार किया गया था।
पहले 15 अक्टूबर तक बढ़ाई गई थी हिरासत
इससे पहले 1 अक्टूबर को उनकी न्यायिक हिरासत पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उनकी हिरासत 15 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी थी। तिहाड़ में न्यायिक हिरासत के दौरान पूछताछ की मांग किए जाने पर एक बार फिर से कोर्ट ने हिरासत की अवधि में इजाफा किया है।
3 सितंबर को किया गया था गिरफ्तार
डीके शिवकुमार को ईडी ने 3 सितंबर को गिरफ्तार किया था। 14 दिनों तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में रहने के बाद 17 तारीख को उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया था। बता दें कि पिछले साल ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। उन पर टैक्स चोरी और हवाला के जरिए करोड़ों रुपये के लेनदेन का आरोप है।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार
डीके शिवकुमार को कर्नाटक में कांग्रेस का संकटमोचक कहा जाता है। शिवकुमार को पिछले महीने मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में गिरफ्तार किया गया था। 1 अक्टूबर को उनकी न्यायिक हिरासत पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उनकी हिरासत 15 तारीख तक के लिए बढ़ा दी थी।
डीके शिवकुमार की गिरफ्तारी 3 सितंबर को हुई थी। 14 दिनों तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में रहने के बाद 17 तारीख को उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। ईडी ने पिछले साल ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। शिवकुमार पर टैक्स चोरी और हवाला के जरिए करोड़ों रुपये के लेनदेन का आरोप है।
पिछले साल किया था मामला दर्ज
शिवकुमार को जांच एजेंसी ने तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था और पूछताछ के बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया था। प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल सितंबर में शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इसके अलावा नई दिल्ली में कर्नाटक भवन में काम करने वाले हनुमनथैया और अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था।
यह मामला आयकर विभाग की ओर से बंगलुरू की एक स्पेशल कोर्ट में इन लोगों के खिलाफ पिछले साल दायर किए गए थे। आयकर विभाग के आरोप पत्र पर में कथित कर चोरी और हवाला के करोड़ों रुपये के लेन-देन का आरोप लगाया गया था जिसके आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।