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27 May 2019

सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त, जारी हुआ था लुकआउट नोटिस

File Photo

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के खिलाफ करोड़ों रुपए के शारदा चिट फंड घोटाला मामले में लुकआउट नोटिस जारी किया था। सोमवार को उन्हें सीबीआई के सामने पेश होना था लेकिन ऐन पहले बंगाल सीआईडी ने एक पत्र लिखकर जांच एजेंसी को बताया कि राजीव कुमार किसी निजी काम से अपने गृह प्रदेश उत्तर प्रदेश में हैं और छुट्टी पर चल रहे हैं, इसलिए पेश नहीं हो सकते। सीआईडी ने अपने प्रमुख की पेशी के लिए 3 दिन की मोहलत मांगी है। उधर सीबीआई ने इस हफ्ते सर्कुलर जारी किया है, जिसमें सभी हवाई अड्डों और इमीग्रेशन अधिकारियों से कहा गया है कि वे राजीव कुमार को एक साल के लिए देश छोड़ने की इजाजत ना दें और अगर वे विदेश जाने की कोशिश करते हैं तो उन्हें हिरासत में लिया जाए।

जांच एजेंसी ने कहा- कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे

सीबीआई राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है। इस स्थिति में राजीव कुमार की गिरफ्तारी भी हो सकती है क्योंकि जांच एजेंसी शुरू से बोलती रही है कि कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। राजीव कुमार का अभी हाल में दिल्ली में तबादला किया गया था, हालांकि अब उन्हें कोलकाता पुलिस सीआईडी में जाने की इजाजत दे दी गई है क्योंकि चुनाव की आचार संहिता अब उन पर लागू नहीं होती। राजीव कुमार सोमवार को बारासात में अग्रिम जमानत की याचिका लगा सकते हैं। अगर अदालत से उन्हें अग्रिम जमानत मिल जाती है तो सीबीआई राजीव कुमार को गिरफ्तार नहीं कर सकेगी।

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धारा 41 के तहत भेजा गया समन

शारदा घोटाले में जिन लोगों पर आरोप लगे हैं उन पर अब तक आपराधिक दंड संहिता की धारा 160 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। इस धारा के तहत गवाह के तौर पर आरोपियों को समन किया जाता है लेकिन राजीव कुमार के मामले में ऐसा नहीं है। उन्हें आपराधिक दंड संहिता की धारा 41 के तहत समन किया गया है और इसमें उन्हें आरोपी बनाया गया है।

सीबीआई ने शारदा चिटफंड घोटाले की जांच बारासात कोर्ट में शिफ्ट किया है क्योंकि अलीपुर में सीबीआई की विशेष अदालत होने के बावजूद वहां सुनवाई में कई अड़चनें आती रही हैं। राजीव कुमार की कानूनी टीम में सुप्रीम कोर्ट के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं जो अपनी दलील पेश करेंगे।

क्या है आरोप

1989 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार पर पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व करने के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ करने और कुछ नेताओं को 2,500 करोड़ रुपए के शारदा चिट फंड घोटाले की जांच में बचाने की कोशिश करने का आरोप है। बाद में सीबीआई ने यह मामला अपने हाथ में ले लिया था।

2013 में बनी थी एसआईटी

इस जांच के लिए ममता बनर्जी ने 2013 में एसआईटी बनाया था। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह कुमार से हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है क्योंकि पहली नजर में सबूत मिले हैं कि राजीव कुमार ने आरोपियों को बचाने की कोशिश की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के अपने आदेश को वापस ले लिया। अब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 'कानून के मुताबिक करने' की इजाजत दी है। सीबीआई ने कुमार से शिलांग में 9 फरवरी से पांच दिन तक पूछताछ की थी। सीबीआई का आरोप है कि शारदा समूह की कंपनियों ने पैसा लगाने के नाम पर लाखों लोगों को धोखा दिया।

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TAGS: CBI, Kolkata former Commissioner, Rajeev Kumar, CBI
OUTLOOK 27 May, 2019
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