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02 May 2019

पैराप्लेजिया से जूझने वाले केशव ने नहीं मानी हार, लीगल स्टडीज विषय में किया देश भर में टॉप

Outlook

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12वीं के रिजल्ट जारी कर दिए हैं। डीपीएस मेरठ रोड, गाजियाबाद की हंसिका शुक्ला और मुजफ्फरनगर की करिश्मा अरोड़ा ने संयुक्त रूप से टॉप किया है। दोनों के 500 में से 499-499 नंबर हैं। ऋषिकेश की गौरांगी चावला, रायबरेली की ऐश्वर्या और जिंद (हरियाणा) की भव्या 498 अंकों के साथ संयुक्त रूप से दूसरे पायदान पर रहीं। लोग इन टॉपर्स की सफलता की कहानियां सुन रहे हैं। इस बीच हम भी बात करेंगे एक और सफलता के बारे में, जो काफी प्रेरणादायी है।

ये कहानी है दिल्ली के केशव चंद्रा की, जिन्होंने 96.5 परसेंट अंक पाए हैं और लीगल स्टडीज विषय में 100 परसेंट के साथ पूरे देश में टॉप किया है। केशव चंद्रा एक स्पेशल चाइल्ड हैं। पैराप्लेजिक केशव को चलने, बोलने और लिखने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है लेकिन उन्होंने इसे कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। उनके पिता प्रफुल्ल प्रुस्ती इसका श्रेय केशव की लगन, उनकी मां रुक्मणी प्रुस्ती और उनके ट्यूटर जितेंद्र आद्या को देते हैं।

आईआरएस अधिकारी प्रफुल्ल प्रुस्ती ने ‘आउटलुक’ को बताया, ‘केशव की लगन ने उसे यह सफलता दिलाई। इसके अलावा केशव की मां ने अहम योगदान दिया। उन्होंने केशव की पढ़ाई के लिए अपनी टीचिंग की जॉब छोड़ दी। वही केशव को स्कूल ले जाती थीं।‘

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जज बनना चाहते हैं केशव

केशव की मां रुक्मणी बताती हैं, ‘मुझे पूरा विश्वास था कि मेरा बेटा पढ़ेगा। कई बार मैं टूट जाती थी लेकिन हौसला बना रहा। मेरा विश्वास देखकर प्रफुल्ल के पिता भी कई बार उसे ऑफिस ले जाते थे और पढ़ाते थे। मेरी बेटी डॉक्टर है। उसने भी पूरा सहयोग दिया। जब केशव 6-7 महीने का था, तभी मैंने राउरकेला के स्कूल में अपनी टीचिंग की जॉब छोड़ दी। कई बार डर भी लगता था लेकिन केशव के टीचर्स खासकर इंदु मैम, चारू मैम ने काफी मदद की।‘

यह पूछने पर कि केशव बड़ा होकर क्या बनना चाहता है, वह कहती हैं, ‘पहले तो मैं चाहती हूं कि वह एक अच्छा इंसान बने। केशव जज बनना चाहता है ताकि उसके जैसे जितने भी लोग हैं, उन्हें न्याय मिल सके।‘

चुनाव की वजह से जल्दी हुई थी परीक्षा

पिछली बार 10वीं का रिजल्ट 26 मई और 12वीं का रिजल्ट 29 मई को जारी किया गया था। चुनाव के कारण इस बार सीबीएसई की परीक्षाएं जल्दी हुई थीं। आखिरी पेपर के एग्जाम के सिर्फ 28 दिनों के भीतर रिजल्ट घोषित हुआ है। कॉपियों के मूल्यांकन की प्रक्रिया को 15 अप्रैल तक खत्म कर लिया गया था।

इस बार 1.70 करोड़ कॉपी का मूल्यांकन सीबीएसई ने किया है। इन कॉपी को 3 हजार मूल्यांकन केन्द्रों पर जांचा गया है। इस बार सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के छात्रों ने हिस्सा लिया है।

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TAGS: Paraplegic child, keshav chandra, legal studies, inspiring story, paraplegia
OUTLOOK 02 May, 2019
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