केंद्र सरकार ने राफेल सौदे की निर्णय प्रक्रिया की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को सौंपी
केंद्र सरकार ने राफेल सौदे की प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। सरकार ने फ्रांस के साथ हुए इस सौदे की जानकारी सीलबंद लिफाफे में कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को सौंपी है। मामले में अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार से इस समझौते की प्रक्रिया की पूरी जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने कहा था कि राफेल फाइटर प्लेन की तकनीकी जानकारियों और कीमत के अलावा सौदे की अन्य जानकारियां सरकार को कोर्ट को सौंपनी होंगी।
पिछले दिनों पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और एडवोकेट प्रशांत भूषण ने राफेल सौदे में कथित आपराधिक कदाचार के लिए एफआईआर दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में दर्शाए गए अपराधों की केन्द्रीय जांच ब्यूरो से समयबद्ध तरीके से जांच कराने का अनुरोध किया है।
कांग्रेस का ये है आरोप
भारत सरकार ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का सौदा किया है। जिस पर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष पिछले काफी समय से सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि इस सौदे में सरकार ने सीधे तौर पर अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाया है और कई गुणा दाम पर खरीद की गई है जबकि यूपीए सरकार के दौरान यह सौदा काफी सस्ते में किया गया था। वहीं, सरकार का कहना है कि यह फैसला वायुसेना की क्षमता बढ़ाने और देशहित में लिया गया है।