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23 November 2021

सेंट्रल विस्टा से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- 'क्या आम आदमी से पूछें कि उपराष्ट्रपति कहां रहेंगे?'

सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में चिल्ड्रेन पार्क व हरित क्षेत्र का लैंडयूज बदलने के खिलाफ दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि वहां कोई प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं बनाई जा रही है, बल्कि उपराष्ट्रपति का आवास बनाया जा रहा है। लिहाजा चारों ओर हरियाली होना तय है। कोर्ट ने कहा कि अब जनता से पूछें कि कहां बनाया जाएगा-उपराष्ट्रपति का आवास।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा पर्याप्त स्पष्टीकरण दिये गये हैं जो भूखंड के भूमि उपयोग में परिवर्तन को सही ठहराते हैं।

पीठ ने कहा, “हमें इस मामले की और जांच करने का कोई कारण नहीं मिला और इसलिए इस याचिका को खारिज करके पूरे विवाद को खत्म कर रहे हैं।” सितंबर 2019 में घोषित सेंट्रल विस्टा पुनरुद्धार परियोजना में 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की क्षमता वाले एक नए त्रिकोणीय संसद भवन की परिकल्पना की गई है, जिसका निर्माण अगस्त, 2022 तक किया जाना है, जब देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा।

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राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की दूरी तक फैली परियोजना के तहत 2024 तक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है।

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा कि यह नीतिगत मामला है। हर चीज की आलोचना की जा सकती है, लेकिन रचनात्मक आलोचना होनी चाहिए। उपराष्ट्रपति का आवास कहीं और कैसे हो सकता है? उस जमीन का इस्तेमाल हमेशा से सरकारी काम के लिए किया जाता रहा है।

बता दें कि जस्टिस खानविलकर ने आगे कहा कि आप कैसे कह सकते हैं कि एक बार मनोरंजन क्षेत्र के लिए सूचीबद्ध होने के बाद इसे कभी नहीं बदला जा सकता है? भले ही किसी समय इसे मनोरंजन क्षेत्र के रूप में नामित किया गया हो. क्या अधिकारी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए इसे संशोधित नहीं कर सकते? क्या अब हम आम आदमी से पूछना शुरू करेंगे कि उपराष्ट्रपति का आवास कहां बने?

शीर्ष अदालत भूखंड संख्या एक के भूमि उपयोग को मनोरंजन क्षेत्र से आवासीय क्षेत्र में बदलने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

इससे पहले केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से सेंट्रल विस्टा के खिलाफ दायर नई याचिका को खारिज करने की मांग की थी। केंद्र ने कहा कि याचिका को जुर्माने के साथ खारिज किया जाए। केंद्र ने कहा है कि उक्त प्लॉट नंबर 1 का क्षेत्र वर्तमान में सरकारी कार्यालयों के रूप में उपयोग किया जा रहा है और 90 सालों से ये रक्षा भूमि है। ये कोई मनोरंजक गतिविधि क्षेत्र नहीं है।

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TAGS: Central Vista, SC, dismisses plea, challenging, land use of plot
OUTLOOK 23 November, 2021
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