सरकार ने औद्योगिक कार्यों के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति पर लगाया प्रतिबंध, कोरोना मरीजों के लिए होगी इस्तेमाल
केंद्र ने नौ विशिष्ट उद्योगों को छोड़कर औद्योगिक उद्देश्य के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति रविवार को प्रतिबंधित कर दिया ताकि कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सके। यह निर्णय 22 अप्रैल से लागू हो जाएगा।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों को भेजे पत्र में कहा कि कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी और इस कारण मेडिकल ऑक्सीजन की बढ़ती मांग के मद्देनजर केंद्र सरकार की तरफ से गठित उच्चाधिकार प्राप्त एक समिति ने औद्योगिक इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति की समीक्षा की है ताकि देश में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग पूरी की जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके। गृह सचिव ने पत्र में कहा है कि सरकार ने उच्चाधिकार प्राप्त समिति की अनुशंसाओं को स्वीकार कर लिया है।
इसके मुताबिक समिति ने निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं द्वारा औद्योगिक उद्देश्य के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति 22 अप्रैल से अगले आदेश तक के लिए रोक दिया है। हालांकि इसमें 9 स्पेशल उद्योगों के लिए छूट दी गई है। अजय भल्ला ने पत्र में कहा है कि मैं राज्यों के मुख्य सचिवों से अपील करता हूं कि अपने राज्य में इससे संबंधित अधिकारियों को जरूर निर्देश जारी करें ताकि इसका पालन कराया जा सके।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी बताया कि रविवार को 6 हजार 177 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अलग-अलग राज्यों को उपलब्ध कराने की योजना बना दी गई है। उन्होंने बताया कि 20 अप्रैल के बाद महाराष्ट्र को 1500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी। इसके अलावा दिल्ली को 350 मीट्रिक टन और यूपी को 800 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भेजा जाएगा। ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे राज्यों में ऑक्सीजन पहुंचाने की दिशा में ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के तेजी से आवागमन के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इससे राज्यों तक सूचारू परिवहन की सुविधा मिलेगी। ट्रेनों से देशभर में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडर डिलीवर किए जाएंगे। जल्द ही इन ट्रेनों को चलाया जाएगा।