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11 October 2025

शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को दी बड़ी राहत, कहा "केंद्र ने उर्वरक की बढ़ती कीमतों को किया नियंत्रित"

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि वैश्विक उर्वरक कीमतों में वृद्धि का भारतीय किसानों पर कोई प्रभाव न पड़े।दिल्ली के पूसा में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "भारी सरकारी सब्सिडी के कारण यूरिया का एक बैग अभी भी 266 रुपये में और डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) 1,350 रुपये में उपलब्ध है।" कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए कई परिवर्तनकारी पहलों का अनावरण किया।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि कृषि मशीनरी पर जीएसटी में कमी से देश भर के किसानों के लिए आधुनिक उपकरण अधिक किफायती हो गए हैं।चौहान ने बताया कि केंद्र सरकार ने प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में उल्लेखनीय वृद्धि की है: गेहूं के लिए 160 रुपये प्रति क्विंटल, चना के लिए 200 रुपये या उससे अधिक, मसूर के लिए 300 रुपये, सरसों के लिए 250 रुपये और सूरजमुखी के लिए 600 रुपये।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि 'पीएम-किसान सम्मान निधि' के तहत 3.90 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित किए गए हैं। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के माध्यम से, वित्त वर्ष 2024-25 में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरित किए गए, साथ ही 1.62 लाख करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी भी दी गई। 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' के तहत बीमित किसानों को 1.83 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा दिया गया।किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की सफलता पर प्रकाश डालते हुए, श्री चौहान ने कहा कि अब 52 लाख से ज़्यादा किसान एफपीओ में शेयरधारक हैं, जिनमें से 1,100 एफपीओ करोड़पति बन चुके हैं और इनका सामूहिक कारोबार 15,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा है। कृषि मंत्रालय इन संगठनों को नवाचार, ब्रांडिंग और बाज़ार संपर्क सहायता प्रदान करता रहता है।

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केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि सरकार भारतीय कृषि को वैश्विक मानकों पर स्थापित करने के लिए काम कर रही है और साथ ही देश को 'आत्मनिर्भरता' और 'विकसित भारत' की ओर अग्रसर कर रही है। उन्होंने नागरिकों से स्वदेशी अपनाने और देश के विकास में योगदान देने की अपील की।प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए चौहान ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में हम किसानों की समृद्धि, स्वदेशी उद्यम और नवाचार की नींव पर निर्मित एक विकसित, आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

प्रधानमंत्री मोदी ने दलहन की खेती, कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ), पशुपालन और मत्स्य पालन से जुड़े किसानों के समूहों से सीधे संवाद किया और उनकी चुनौतियों और नवाचारों पर चर्चा की। इस अवसर पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख जैसे प्रख्यात समाज सुधारकों को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि भी दी गई।

'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' और 'दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन' का शुभारंभ भारत की कृषि यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' 11 मंत्रालयों की 36 उप-योजनाओं को शामिल करते हुए एक समन्वित पहल है, जिसका उद्देश्य आकांक्षी जिलों में कृषि प्रगति को गति प्रदान करना है। 'दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन' का उद्देश्य बढ़ती घरेलू माँग के मद्देनज़र आयात पर निर्भरता कम करते हुए भारत को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है।

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TAGS: Fertilizer prices, farmer subsidy, gst reduction,
OUTLOOK 11 October, 2025
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