ऑटो सेक्टर समस्या के दौर में, पेट्रोल-डीजल वाहन बैन करने की योजना नहीं: गडकरी
केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि सरकार की पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के सालाना कन्वेंशन को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि मंत्रालय में अभी इस संबंध में बात नहीं हुई है। उन्होंने ऑटो सेक्टर में मंदी की बात कबूल करते हुए कहा कि मौजूदा आंकड़ों से स्पष्ट है कि वाहन उद्योग अभी समस्या के दौर में है।
गडकरी ने कहा कि सरकार बिजली और वैकल्पिक ईंधनों से चलने वाले वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। इसकी एक वजह यह है कि देश पर पेट्रोलियम आयात का 7 लाख करोड़ रुपए का सालाना बोझ पड़ता है। इसके अलावा देश को प्रदूषण की गंभीर समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार की पेट्रोल-डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है।
'सरकार हरसंभव मदद करेगी'
केंद्रीय मंत्री ने उद्योग को सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिलाया। वाहनों की बिक्री बढ़ाने पर गडकरी ने कहा कि बैंकों से लोन न मिलने की स्थिति में ऑटो कंपनियां चाहें तो अपना एनबीएफसी बनाकर वाहन ऋण दे सकती हैं। इससे उन्हें बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी। सरकार अपनी तरफ से वाहन और दूसरे ऋणों की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास कर रही है। उद्योग भी इसमें सहयोग कर सकते हैं।
'नफा-नुकसान का दौर आता रहता है'
गडकरी ने कहा कि कारोबार में उतार-चढ़ाव, नफा-नुकसान का दौर आता रहता है। इससे निराश होने की जरूरत नहीं है। वाहन उद्योग की सफलता की कहानी बहुत अच्छी रही है और आत्मविश्वास के बल पर वह इस दौर से उबर जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ाकर घरेलू बाजार में कम हुई बिक्री की भरपाई की जा सकती है। इसके लिए सरकार भी जरूरी प्रोत्साहन योजना बना सकती है।
'नए मोटर वाहन कानून का मकसद दुर्घटनाएं कम करना'
इस महीने से लागू नए मोटर वाहन कानून का बचाव करते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार का मकसद लोगों पर ज्यादा जुर्माना लगाना बिल्कुल नहीं है। हम चाहते हैं कि दुर्घटनाएं कम हों, ताकि लोगों की जान बच सके। उन्होंने बताया कि देश में हर साल 5 लाख सड़क दुर्घटना होती है, जिनमें डेढ़ लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।