मॉनसून सत्र: कोविड प्रबंधन, मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा के लिए विचार कर सकती है सरकार
संसद के आगामी मानसून सत्र में सरकार देश में कोविड प्रबंधन और मूल्य वृद्धि के मुद्दों पर चर्चा पर विचार कर सकती है ताकि दोनों सदन सुचारू रूप से चल सकें। यह जानकारी शुक्रवार को यहां सूत्रों ने दी।
19 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र के दौरान उम्मीद है कि विपक्ष इन मुद्दों को उठाएगा। कोविड-19 के खतरनाक दूसरी लहर के बाद संसद का यह पहला सत्र होगा।
सरकार ने सदनों को सुचारू रूप से चलाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके तहत राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता मनमोहन सिंह और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार सहित विपक्ष के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है।
सूत्रों ने बताया कि यह भी सुझाव दिया गया है कि राज्यमंत्री और खासकर नवनियुक्त राज्यमंत्री अधिक से अधिक समय राज्यसभा में बिताएं ताकि संसदीय प्रक्रियाओं, नियमों और वक्तव्य देने की जानकारी हासिल कर सकें। उन्होंने कहा कि जब उनकी रोस्टर ड्यूटी हो या उनके मंत्रालय से जुड़े कामकाज सूचीबद्ध हों तो वे लोकसभा जा सकते हैं। सूत्रों ने विधायी कार्यों के बारे में कहा कि करीब 17 नए विधेयक सूचीबद्ध हैं जबकि चार लोकसभा में और तीन राज्यसभा में लंबित हैं।
इनमें से तीन विधेयक हाल में जारी अध्यादेशों का स्थान लेंगे। अध्यादेश को संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखना होता है और संसद सत्र के आहूत होने से छह सप्ताह या 42 दिनों में यह समाप्त हो जाता है। एक अध्यादेश 30 जून को जारी हुआ था जिसमें आवश्यक रक्षा सेवाओं में संलग्न किसी भी व्यक्ति के प्रदर्शन या हड़ताल पर रोक लगाई गई थी।
लोकसभा की 12 जुलाई को जारी बुलेटिन के मुताबिक आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021 को अध्यादेश का स्थान लेने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन को लागू करने वाला विधेयक 2021 भी अध्यादेश का स्थान लेने वाला है। परिसमापन एवं दिवालिया संहिता (संशोधन) विधेयक 2021 भी हाल में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा।