जल्लीकट्टू का स्थायी हल खोज रहा है केंद्र : दवे
उन्होंने दिल्ली में कहा कि आज गृहमंत्री को तमिलनाडु सरकार से प्रस्ताव मिला। पूरा प्रस्ताव विचाराधीन है। विभिन्न मंत्रालय उस पर गौर कर रहे हैं। यह पर्यावरण मंत्रालय आने वाला है। मुझे पक्का भरोसा है कि यथाशीघ्र हम अंतिम फैसले पर पहुंच पाएंगे। उन्होंने कहा कि कल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम से भेंट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न सांस्कृतिक खेलकूदों खासकर जल्लीकट्टू से जुड़ी भावनाओं एवं सांस्कृतिक मूल्यों को सराहा था।
जब दवे से पूछा गया कि जिन जानवरों पर करतब दिखाने या तत्संबंधी प्रशिक्षण के संबंध में रोक लगाई गई है, क्या उनका मंत्रालय उनकी सूची से सांडों को बाहर निकालने के बारे में सोच रहा है, तब उन्होंने कहा, यदि मैं सभी चीजें यहीं बता दूं तो बाद के लिए क्या रह जाएगा।
उन्होंने कहा, हम जल्दी ही कुछ एऐसे निष्कर्ष पर पहुंचेंगे जहां हमारे पास जल्लीकट्टू प्रेमियों के सामने ठोस चीज होगी। हर चीज रचनात्मक ढंग से की जानी चाहिए। आधे-अधूरे मन से नहीं की जानी चाहिए। हम यथाशीघ्र आपके सामने हर चीज ला पायेंगे। हालंकि किसी का नाम लिए बगैर ही उन्होंने पिछली संप्रग सरकार को सांडों को करतब के लिए प्रतिबंधित पशुओं की सूची में डालने के लिए जिम्मेदार ठहराया।
इस बीच, उनके मंत्रिामंडलीय सहयोगी कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार तमिलनाडु की संस्कृति का सम्मान करती है और उसे राज्य के लोगों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से व्यक्त की गई भावना का पता है। उन्होंने कहा कि यथाशीघ्र कानूनी हल लाने की कोशिश चल रही है। मैंने पर्यावरण मंत्री अनिल दवे और अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। हमने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी चर्चा की है। (एजेंसी)