चंद्रयान-2 का काउंटडाउन शुरू, जानिए इसरो के इस महत्वाकांक्षी मिशन की अहम बातें
अपने दूसरे मिशन चंद्रयान के साथ भारत अंतरिक्ष में बड़ी छलांग के लिए तैयार है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 15 जुलाई को तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर चंद्रयान-2 लॉन्च होगा। लॉन्च के 52 दिनों के बाद चंद्रयान-2 चांद की सतह पर उतरेगा। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) का यह बेहद महत्वाकांक्षी मिशन है। आइए बताते हैं लॉन्चिंग से लेकर चांद की सतह पर उतरने तक की पूरी प्रक्रिया के बारे में।
16 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा
सोमवार तड़के 2:51 बजे चंद्रयान-2 को भारत के सबसे शक्तिशाली रॉकेट GSLV MK-3 से लॉन्च किया जाएगा। लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा में पहुंचेगा। 16 दिनों तक यह पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चांद की तरफ बढ़ेगा। इस दौरान चंद्रयान की अधिकतम गति 10 किलोमीटर/प्रति सेकंड और न्यूनतम गति 3 किलोमीटर/प्रति घंटे होगी।
21 दिनों बाद चांद की कक्षा में पहुंचेगा
16 दिनों बाद चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलेगा। इस दौरान चंद्रयान-2 से रॉकेट अलग हो जाएगा। 5 दिनों बाद चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में पहुंचेगा। इस दौरान उसकी गति 10 किलोमीटर प्रति सेकंड और 4 किलोमीटर प्रति सेंकंड रहेगी।
27 दिनों तक चांद की कक्षा में चक्कर लगाता रहेगा
चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद चंद्रयान चंद्रमा के चारो और गोल-गोल चक्कर लगाते हुए उसकी सतह की ओर बढ़ेगा। चंद्रमा की कक्षा में 27 दिनों तक चक्कर लगाते हुए चंद्रयान उसकी सतह के नजदीक पहुंचेगा। इस दौरान उसकी अधिकतम गति 10 किलोमीटर/प्रति सेकंड और न्यूनतम स्पीड 1 किलोमीटर/सेकंड रहेगा।
ऑर्बिटर से लैंडर हो जाएगा अलग
चांद की सतह के नजदीक पहुंचने के बाद चंद्रयान चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतरेगा। लेकिन इस प्रक्रिया में 4 दिन लगेंगे। चांद की सतह के नजदीक पहुंचने पर लैंडर (विक्रम) अपनी कक्षा बदलेगा। फिर वह सतह की उस जगह को स्कैन करेगा जहां उसे उतरना है। लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और आखिर में चांद की सतह पर उतर जाएगा।
70211800 आखिर में लैंडिंग के बाद लैंडर रोवर को करेगा रिलीज
लैंडिंग के बाद लैंडर (विक्रम) का दरवाजा खुलेगा और वह रोवर (प्रज्ञान) को रिलीज करेगा। रोवर के निकलने में करीब 4 घंटे का समय लगेगा। फिर यह वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए चांद की सतह पर निकल जाएगा। इसके 15 मिनट के अंदर ही इसरो को लैंडिंग की तस्वीरें मिलनी शुरू हो जाएंगी।
लॉन्च के कुल 52 दिनों बाद चांद पर होगा रोवर, 14 दिनों तक रहेगा ऐक्टिव
इस तरह अलग-अलग चरणों के तहत लॉन्च के 52 दिनों बाद (16+5+27+4) चंद्रयान चांद की सतह पर पहुंच जाएगा। चांद की सतह पर पहुंचने के बाद लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) 14 दिनों तक ऐक्टिव रहेंगे। रोवर इस दौरान 1 सेंटीमीटर/सेकंड की गति से चांद की सतह पर चलेगा और उसके तत्वों की स्टडी करेगा व तस्वीरें भेजेगा। वह वहां 14 दिनों में कुल 500 मीटर कवर करेगा। दूसरी तरफ, ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर उसकी परिक्रमा करता रहेगा। ऑर्बिटर वहां 1 साल तक ऐक्टिव रहेगा।