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22 November 2019

यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल पहुंचा कश्मीर, हालात का लेगा जायजा

File Photo

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में सिविल सोसायटी का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को कश्मीर पहुंच गया है। यह समूह अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के तहत विशेष दर्जा खत्म के चलते बंद के कारण पिछले तीन महीनों में लोगों को हुए आर्थिक नुकसान और कश्मीर के हालात का आकलन करेगा। समूह के सदस्य हिरासत में लिए गए मुख्यधारा के राजनीतिक नेताओं से भी मिल सकते हैं।  

सिन्हा के अलावा समूह के अन्य सदस्यों में पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह, पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक, पत्रकार भारत भूषण और सुषोबा भारती शामिल हैं। समूह के सदस्यों ने पहले भी सितंबर में कश्मीर का दौरा करने के प्रयास किए थे, लेकिन जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी गई थी और उन्हें हवाई अड्डे से लौटना पड़ा था।

'जमीनी हालात पर तैयार होगी रिपोर्ट'

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यात्रा के उद्देश्य के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि वे जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के बाद की स्थिति का आकलन करना चाहते हैं। कन्सर्न्ड सिटिजन्स ग्रुप के सदस्यों ने 25 नवंबर को लौटने और क्षेत्र में जमीनी स्थिति पर अपनी रिपोर्ट पेश करने की योजना बनाई है।

'प्रशासन का धन्यवाद, इस पर अनुमति मिल गई'

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा, "कश्मीर के बारे में बहुत अलग रिपोर्टें थीं, एक सरकार की रिपोर्ट और दूसरी विदेशी मीडिया की। हमारा मकसद खुद के लिए यह देखना था कि यहां कैसी स्थिति  थी। मैं प्रशासन को धन्यवाद देता हूं कि पिछली बार से विपरीत हमें इस बार अनुमति दी गई।  उन्होंने कहा कि समूह समाज के सभी तबको से उनकी समस्याओं को जानने और उन्हें होने वाले नुकसान की प्रकृति का आकलन करने के लिए मिलेगा।

'दुकानें बंद हैं, जो सामान्य नहीं है'

उन्होंने कहा, "हमने देखा कि सभी दुकानें बंद हैं जो सामान्य नहीं है। हम जमीन पर स्थिति का आकलन करना चाहते थे और लोगों से बात करना चाहते थे। हम सरकार द्वारा 5 अगस्त को फैसला लेने के बाद से लोगों को हुए आर्थिक नुकसान का भी आकलन करना चाहते हैं।"

'कश्मीर के लोगों को संदेश देना चाहता है समूह'

उन्होंने कहा कि समूह कश्मीर के लोगों को संदेश देना चाहता है कि देश में ऐसे लोग हैं जो उनके लिए चिंता करते हैं। सिन्हा ने कहा, अगर उन्हें अनुमति दी गई तो हम मुख्यधारा के राजनीतिक नेताओँ से मिलने की कोशिश करेंगे। समूह बाद में घाटी के शीर्ष व्यापार मंडल कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआईI) के सदस्यों से बात करेगा।

जताई थी प्रवेश की उम्मीद

इससे पहले दिन में यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर कहा था, 'कन्सर्न्ड सिटिजन्स ग्रुप के साथ जमीनी हालात और सरकार के फैसले से हुए आर्थिक नुकसान का जायजा लेने श्रीनगर जा रहा हूं। आशा करता हूं कि हमें प्रवेश की इजाजत मिल जाएगी।'

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था और  जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर घाटी के मुख्यधारा के राजनीतिक नेताओं को हिरासत में ले लिया था और संचार पर प्रतिबंध लगा दिए थे।

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TAGS: Civil, society, delegation, led, Yashwant SInha, Kashmir
OUTLOOK 22 November, 2019
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