चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने की जस्टिस बोबडे को अगला सीजेआई बनाने की सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मौजूदा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जस्टिस शरद अरविंद बोबडे को अगला सीजेआई बनाने की केंद्र सरकार से सिफारिश की है।
रंजन गोगोई ने शुक्रवार को केंद्र को एक पत्र भेजकर सुप्रीम कोर्ट में अपने बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश एस ए बोबडे को अपना उत्तराधिकारी बनाने की सिफारिश की। वर्तमान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।
केंद्र सरकार को पत्र लिखकर गोगोई ने की बोबड़े के नाम की सिफारिश
आधिकारिक सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि न्यायमूर्ति गोगोई ने विधि एवं न्याय मंत्रालय को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति बोबडे को अगला प्रधान न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश ने परम्परा के अनुसार अपने उत्तराधिकारी के रूप में अपने बाद अगले वरिष्ठतम न्यायाधीश के नाम की सिफारिश की है।
जानें एसए बोबडे के बारे में
साल 1956 में जन्मे एसए बोबडे ने बीए एलएबी की डिग्री नागपुर से हासिल की है। 1978 में वह बार काउंसिल के सदस्य बने और बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में प्रैक्टिस करने लगे। साल 2010 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट का अतिरिक्त जज बनाया गया। साल 2012 में वह मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। साल 2013 में वह सुप्रीम कोर्ट में जज बने। बोबडे 23 अप्रैल 2021 को रिटायर हो जाएंगे।
जानें कैसा रहा है गोगोई का करियर
- 18 नवंबर, 1954 को जन्मे जस्टिस रंजन गोगोई ने 1978 में बार काउंसिल ज्वॉइन की थी। उन्होंने शुरुआत गुवाहाटी हाईकोर्ट से की, 2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट में जज भी बने।
- इसके बाद वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में बतौर जज 2010 में नियुक्त हुए, 2011 में वह पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। 23 अप्रैल, 2012 को जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के जज बने।
- न्यायमूर्ति गोगोई ने तीन अक्टूबर 2018 को देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ग्रहण की थी।
- बतौर चीफ जस्टिस अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक मामलों को सुना है, जिसमें अयोध्या केस, एनआरसी, जम्मू-कश्मीर पर याचिकाएं शामिल हैं।
सीजेआई गोगोई की अगुवाई में 5 जजों की संविधान पीठ ने की अयोध्या मामले की सुनवाई
बता दें कि अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बुधवार को पूरी हो चुकी है। इस पर 17 नंवबर से पहले फैसला सुनाया जा सकता है क्योंकि इसी तारीख को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई रिटायर हो रहे हैं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई में 5 जजों की संविधान पीठ इस मामले ने लगातार 40 दिन तक सुनवाई की है। इस बेंच में सीजेआई रंजन गोगाई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं। यह संविधान पीठ इलाहाबाद हाइकोर्ट के 2010 में दिए गए उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।