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20 December 2017

स्वच्छ गंगा: कैग ने वित्तीय प्रबंधन में खामियों को लेकर उठाए सवाल

File Photo

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने केंद्र सरकार के प्रमुख ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम में पिछले तीन साल के दौरान वित्तीय प्रबंधन, योजना और क्रियान्वयन में खामियों को लेकर सवाल उठाए हैं।

शीर्ष आडिटर के प्रदर्शन आडिट में यह तथ्य सामने आया है कि 2014-15 से 2016-17 के दौरान कोष का कम इस्तेमाल होने तथा परियोजनाओं में विलंब तथा लक्ष्यों की प्राप्ति में खामियां सामने आई हैं। यह रिपोर्ट संसद में मंगलवार को रखी गई।

पीटीआई के मुताबिक, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के पास क्रमश: 2,133.68 करोड़ रुपये, 422.13 करोड़ रुपये तथा 59.28 करोड़ रुपये यानी कुल 2,615.09 करोड़ रुपये का उपयोग नहीं हो पाया है। स्वच्छ गंगा कोष के पास 31 मार्च, 2017 तक 198.14 करोड़ रुपये का कोष था, जिसका इस्तेमाल एनएमसीजी द्वारा नहीं किया जा सका और पूरी राशि बैंकों में कार्रवाई योजना को अंतिम रूप नहीं दिए जाने की बेकार पड़ी रही।

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संसद में पेश की गी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एनएमसीजी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के गठजोड़ के साढ़े छह साल बाद भी दीर्घावधि की कार्रवाई योजनाओं को अंतिम रूप नहीं दे पाया। इसका परिणाम यह हुआ कि राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की अधिसूचना समाप्त होने के आठ साल बीतने के बाद भी एनएमसीजी के पास नदी बेसिन प्रबंधन योजना नहीं थी। रिपोर्ट में प्रदूषण में कटौती के मोर्चे पर भी कामकाज में खामियों का उल्लेख किया गया है।

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TAGS: Clean Ganga, CAG, flags deficiencies, financial management
OUTLOOK 20 December, 2017
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