ईवीएम विवाद पर प्रणव मुखर्जी की नसीहत, कहा- संदेह से परे होना चाहिए जनादेश
लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को आने वाले हैं लेकिन नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल्स के बाद विपक्षी दल ईवीएम से कथिततौर पर छेड़छाड़ के आरोप लगा रहे हैं। मंगलवार को दिल्ली में 22 विपक्षी दलों ने ईवीएम के मुद्दे पर बैठक की और चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा। इस बीच पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी मतदाताओं के फैसले से कथित छेड़छाड़ की रिपोर्टों पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ईवीएम, जो चुनाव आयोग की कस्टडी में हैं, उसकी रक्षा और सुरक्षा आयोग की जिम्मेदारी है।
प्रणव मुखर्जी ने कहा कि अपने संस्थानों पर दृढ़ विश्वास के साथ यह मेरी राय है कि काम करने वाले लोग ही हैं, जो फैसला करते हैं कि संस्थागत टूल्स कैसे परफॉर्म करे। उन्होंने कहा कि इस मामले में संस्थागत अखंडता को तय करने का दायित्व भारतीय निर्वाचन आयोग पर है। उनके लिए ऐसा करना और सभी आशंकाओं को खत्म करना जरूरी है।
पहले की थी तारीफ
इससे पहले सोमवार को प्रणब मुखर्जी का एक बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने मौजूदा चुनाव आयुक्त की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था, ‘यदि हम संस्थानों को मजबूत करना चाहते हैं तो हमें ध्यान में रखना चाहिए कि ये संस्थान देश की अच्छी तरह से सेवा कर रहे हैं।’
एक कार्यक्रम में उन्होंने बयान दिया था कि अगर लोकतंत्र सफल साबित हो रहा है तो इसके लिए चुनाव आयोग को काफी हद तक जिम्मेदार माना जाना चाहिए। सुकुमार सेन से लेकर मौजूदा चुनाव आयुक्तों ने इसके लिए बहुत काम किया है। उन्होंने कहा कि कार्यपालिका तीनों आयुक्तों को नियुक्त करती है और वे अपना काम अच्छे ढंग से कर रहे हैं। आप उनकी आलोचना नहीं कर सकते हैं, यह चुनाव का सही रवैया है।'