कांग्रेस ने एंटीगुआ और बारबुडा कोर्ट के चोकसी फैसले पर सरकार की आलोचना की, जाने अदालत ने क्या की है टिप्पणी
कांग्रेस ने एंटीगुआ और बारबुडा की एक अदालत द्वारा कथित रूप से आदेश दिए जाने के बाद केंद्र पर हमला बोला कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को कैरेबियाई देश से नहीं हटाया जा सकता है।
विपक्षी दल ने यह भी आरोप लगाया कि "बार-बार लापरवाही" से पता चलता है कि यह "जानबूझकर" किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एंटीगुआ और बारबुडा की एक अदालत ने पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में वांछित चोकसी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि उसे उस देश से नहीं हटाया जा सकता है।
कांग्रेस महासचिव संचार जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ''मोदी जी के 'मेहुल भाई' हमारे बैंकों से लूटे गए पैसों से कई सालों से विदेश में मौज-मस्ती कर रहे हैं. पहले उनका रेड कॉर्नर नोटिस रद्द कर दिया गया था, अब यह फैसला सरकार का कोर्ट आ गया है।"
रमेश ने आरोप लगाया, "यह सब मोदी सरकार की लापरवाही के कारण हुआ है। बार-बार की लापरवाही से स्पष्ट है कि यह जानबूझकर किया जा रहा है।" भगोड़े व्यवसायी चोकसी का नाम रेड कॉर्नर नोटिस के इंटरपोल डेटाबेस से ल्योन-मुख्यालय एजेंसी को उसकी याचिका के आधार पर हटा दिया गया था।
नोटिस 195-सदस्यीय मजबूत अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग संगठन इंटरपोल द्वारा एक भगोड़े लंबित प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण, या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई का पता लगाने और अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने के लिए उच्चतम स्तर का अलर्ट है।