'राहुल गांधी के ऊपर लेजर लाइट' वाले पत्र को कांग्रेस ने नकारा, कहा- गृह मंत्रालय को नहीं की कोई शिकायत
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेठी में नामांकन दाखिल करने के दौरान उनके शरीर पर लेजर लाइट दिखने को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह को कथित तौर पर लिखे गए पत्र को पार्टी ने नकार दिया है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी कांग्रेस ने सार्वजनिक तौर पर सामने आए पत्र के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'कोई पत्र नहीं लिखा गया है। गृह मंत्रालय ने व्यापक सूचना दी है। कोई शिकायत नहीं की गयी है।'
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह पूछे जाने पर क्या ये पत्र फर्जी हैं तो उन्होंने कुछ भी साफ करने से इनकार करते हुए कहा, 'खुद गृह मंत्रालय ने कहा है कि उन्हें कोई पत्र नहीं मिला है।' इससे पहले सार्वजनिक हुए पत्र पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल, रणदीप सुरजेवाला और जयराम रमेश के हस्ताक्षर हैं, हालांकि पार्टी ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
'मियां बीबी राजी तो क्या करेगा काजी'
जब उनसे कहा गया कि यह पत्र फर्जी तो शिकायत करें तो उनका कहना था कि जब गृह मंत्रालय को शिकायत नहीं मिली और हमने भी नहीं की तो फिर कार्रवाई कैसी। 'मियां बीबी राजी तो क्या करेगा काजी।'
सोशल मीडिया में शेयर हो रहे इस कथित पत्र में कहा गया है कि बुधवार को जब गांधी अमेठी मीडिया से बातचीत कर रहे थे उसी दौरान उनके शरीर पर कम से कम सात बार हरे रंग की लेजर लाइट दिखाई दी।
ये है पूरा मामला
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक का दावा करते हुए कांग्रेस ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा था। इसमें लिखा था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेठी में नामांकन भरने से पहले किए गए रोड शो के दौरान उनके शरीर पर सात बार हरे रंग की लेजर लाइट चमकी। कथित तौर पर पत्र पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल, रणदीप सुरजेवाला और जयराम रमेश के हस्ताक्षर भी थे। पत्र में स्नाइपर गन का जिक्र किया गया और आशंका जताई गई कि हरे रंग की लाइट लेजर गन की हो सकती है। साथ ही पत्र में इसे राहुल गांधी की सुरक्षा में बड़ी चूक बताते हुए उनकी जान को खतरा भी बताया गया।
इसके बाद गृह मंत्रालय ने इस जवाब दिया कि राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर कोई चूक नहीं हुई है और वो हरे रंग की लाइट कांग्रेस के ही किसी फोटोग्राफर के मोबाइल की लाइट थी। इसके अलावा गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ये भी कहा कि कांग्रेस की तरफ से उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है।
यह है वो पत्र जो कथित तौर पर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ