#MeToo: एमजे अकबर के महिला पत्रकार के खिलाफ मानहानि मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को
#MeToo के आरोपों में फंसे केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के महिला पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मानहानि की सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी। उन्होंने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
रविवार को विदेश से लौटने के बाद एमजे अकबर ने खुद पर लगे यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोपों को खारिज किया था और लीगल ऐक्शन लेने की बात कही थी। वहीं, अकबर के केस दर्ज किए जाने के बाद प्रिया रमानी ने एक बड़ा सा पोस्ट लिखकर कहा कि मैं अपने खिलाफ मानहानि के आरोपों पर लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं, सच और सिर्फ सच ही मेरा बचाव है।
ये कहा था एमजे अकबर ने
मंत्री ने आरोपों की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा था कि आम चुनाव से कुछ महीने पहले ही क्यों ऐसी बात उठी है। अकबर ने कहा था कि मेरे खिलाफ लगे आरोप झूठे और मनगढंत हैं। उन्होंने कहा कि वह आधिकारिक दौरे पर विदेश में होने की वजह से आरोपों पर पहले जवाब नहीं दे पाए।
उन्होंने कहा, 'कुछ तबको में बिना किसी सबूत के आरोप लगाने की बीमारी हो गई है। अब मैं लौट आया हूं और आगे क्या कानूनी कार्रवाई की जाए, इसके लिए मेरे वकील इन निराधार आरोपों को देखेंगे।'
पूर्व संपादक से केंद्रीय मंत्री बने एमजे अकबर ने कहा, 'आम चुनाव से कुछ महीने पहले ही यह तूफान क्यों उठा? क्या इसमें कोई एजेंडा है? आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। ये झूठे, निराधार और क्रूर आरोप हैं, जिससे मेरी प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति हुई है।' उन्होंने कहा, 'झूठ के पैर नहीं होते, लेकिन वे जहर बुझे होते हैं।'
एमजे अकबर पर ये हैं आरोप
एमजे अकबर पर अब तक 11 से अधिक महिलाओं ने यौन उत्पीड़न जैसे आरोप लगाए हैं। प्रिया रमानी नाम की सीनियर पत्रकार ने ट्वीट किया था कि एमजे अकबर ने होटल रूम में इंटरव्यू के दौरान आपत्तिजनक हरकतें की है। वहीं एक और महिला ने कहा कि सीनियर जर्नलिस्ट रहे अकबर होटल के कमरे में इंटरव्यू लेते थे और महिलाओं को अपने बिस्तर और शराब ऑफर करते थे। एक महिला ने हार्वे वाइंसटाइंस ऑफ द वर्ल्ड नाम से लिखे पोस्ट में कहा है कि अकबर गंदे फोन कॉल, टेक्स्ट, और असहज करने वाले कॉम्प्लिेंट्स में माहिर हैं।
प्रिया रमानी ने कहा, लिखा सुना है सच की जीत होती है, लड़ूंगी केस
अकबर के केस दर्ज किए जाने के बाद प्रिया रमानी ने एक बड़ा सा पोस्ट लिखकर कहा कि मैं अपने खिलाफ मानहानि के आरोपों पर लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं, सच और सिर्फ सच ही मेरा बचाव है।
अपने ट्विटर एकाउंट पर बयान जारी करते हुए प्रिया ने कहा है कि मैं इस बात से निराश हूं कि राज्यमंत्री अपने आरोपों को राजनीतिक साजिश बताकर बचने की नाकामयाब कोशिश की है। जबकि उन पर एक दो नहीं बल्कि कई महिलाओं ने उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।