पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ रेप के मामले में वारंट
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ बंधक बनाकर रेप करने के मामले में शाहजहांपुर की स्थानीय अदालत ने जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने यह वारंट उन पर से मुकदमा वापस लेने की उत्तर प्रदेश सरकार की अर्जी खारिज करते हुए जारी किया। अदालत ने पूर्व मंत्री को सुनवाई की अगली तारीख 12 जुलाई को पेश होने के लिए कहा है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, चिन्मयानंद पर अपनी शिष्या को बंधक बनाकर रखने एवं उसके साथ रेप करने का मामला दर्ज है। इसे खत्म करने के लिए प्रदेश सरकार ने जिलाधिकारी को एक पत्र भेजा था जो जिला प्रशासन की ओर से अदालत में भेजा गया था जिसमें 15 मई की मुकर्रर की गई थी।
इस बात की जानकारी मिलने पर पीड़िता ने अदालत को पत्र भेजकर अपनी आपत्ति जाहिर की थी जिसके बाद 24 मई को पीड़िता की ओर से लिखित में आपत्ति दाखिल की गई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) शिखा प्रधान की अदालत ने पीड़िता की अर्जी पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की ओर से मुकदमा वापस लेने की अर्जी को खारिज कर दिया।
अदालत ने पीड़िता की ओर से दी गई अर्जी को मानते हुए मुकदमा चलाने की अनुमति भी दी है साथ ही चिन्मयानंद के विरुद्ध जमानती वारंट भी जारी किया है।
गौरतलब है कि पीड़िता ने 30 नवंबर 2011 को शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें आरोप लगाया था कि स्वामी चिन्मयानंद ने आश्रम में बंधक बनाकर उसके साथ रेप किया था। जब वह गर्भवती हो गई तो चिन्मयानंद ने दबाव डालकर उसका गर्भपात करा दिया। इसके बाद उसने शाहजहांपुर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई और इस मामले में आरोपपत्र भी दाखिल किया गया पर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। यह केस 2012 से हाईकोर्ट में लंबित है।
स्वामी चिन्मयानंद तीन बार सांसद रह चुके हैं। वह 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राज्य मंत्री भी थे।