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15 February 2018

भाकपा को कांग्रेस से नहीं होगा परहेज

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भाकपा ने भविष्य में भाजपा को चुनावी शिकस्त देने के लिये देश भर में एक ही रणनीति अपनाने के बजाय राज्यों के स्थानीय हालात के मुताबिक रणनीति तय करने का फैसला किया है। पार्टी ने इस दिशा में माकपा से उलट कांग्रेस से चुनावी गठजोड़ से परहेज नहीं करने का फैसला किया है।

भाकपा के आज जारी राजनीतिक प्रस्ताव के मसौदे में कहा गया है कि पार्टी अलग अलग राज्यों में कांग्रेस सहित अन्य धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक दलों के साथ गठजोड़ से परहेज नहीं करेगी। भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने संवाददताओं को बताया ‘‘जहां तक चुनावी रणनीति का सवाल है तो यह साफ तौर पर समझना होगा कि पार्टी की पूरे देश के लिये एक रणनीति नहीं हो सकती है। हालांकि पूरे देश के लिये पार्टी का मकसद एक ही है, भाजपा को सत्ता से बाहर करना।’’

रेड्डी ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक हालात के मद्देनजर प्रत्येक राज्य के लिये अलग रणनीति बनायी जायेगी और उन राज्यों में समान विचारों वाली राजनीतिक ताकतों का साथ भी हासिल करना होगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में फासीवादी ताकतों से निपटने के लिये आरएसएस और मोदी सरकार के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष, राजनीतिक संगठनों को एकसाथ लाने के हर संभव प्रयास करने होंगे।

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रेड्डी ने स्पष्ट किया कि सिर्फ चुनावी जंग को ही ध्यान में रखकर धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मंच बनाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि राजनीतिक दल चुनाव के समय संबद्ध राज्यों में अपने अनुकूल रणनीति बनाने के लिये स्वतंत्र होंगे लेकिन देश में फासीवादी ताकतों के खिलाफ व्यापक जनांदोलन खड़ा करने में अब देर नहीं की जा सकती है।

सियासी रणनीति के मामले में माकपा और भाकपा में मतभेद के सवाल पर रेड्डी ने कहा ‘‘दोनों वामदल एकदूसरे से बहुत करीब हैं, अगर कोई मतभेद है तो उसे भी दूर कर लिया जायेगा।’’ उन्होंने कहा ‘‘हां, कुछ मतभेद हैं, लेकिन उन्हें हम दूर कर लेंगे। दोनों दल अपनी पार्टी की कांग्रेस में इन पर विचार करेंगे।’’

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TAGS: cpi, congress, general secretary, sudhakar chaudhary
OUTLOOK 15 February, 2018
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