सीपीआई के पूर्व सांसद और वामपंथी नेता गुरुदास दासगुप्ता का 83 वर्ष की उम्र में निधन
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद गुरुदास दासगुप्ता का आज यानी गुरुवार सुबह निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे। गुरुदास अपने राजनीतिक करियर में 3 बार राज्यसभा और 2 बार लोकसभा के सदस्य रहे।
देश के दिग्गज वामपंथी नेताओं में शुमार किए जाने वाले गुरुदास दासगुप्ता पहली बार 1985 में राज्यसभा सांसद बने। इसके बाद 1988 में वह दूसरी बार राज्यसभा के लिए चुने गए।
2004 में लोकसभा सांसद बने गुरुदास
1994 में गुरुदास दासगुप्ता तीसरी बार 1994 राज्यसभा पहुंचे। हालांकि 3 बार राज्यसभा सांसद रहने के बाद वह 2004 में लोकसभा चुनाव में उतरे और चुने गए। इस दौरान वह वित्त समितिऔर पब्लिक अंडरटेकिंग समिति के सदस्य भी रहे।
2004 के बाद गुरुदास दासगुप्ता 2009 में लगातार दूसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए। इस बार वह लोकसभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संसदीय दल के नेता भी रहे। इस दौरान भी वह कई संसदीय समितियों से जुड़े रहे।
इन चीजों के शौकीन थे गुरुदास
अपनी प्रखर वाकशैली के लिए मशहूर गुरुदास दासगुप्ता को क्रिकेट और रबिंद्र संगीत में बेहद रुचि थी। वह बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) से भी जुड़े रहे और उन्होंने वहां कैब के सदस्य के रूप में काम किया।
गुरुदास दासगुप्ता का जन्म 3 नवंबर 1936 को हुआ था। गुरुदास दासगुप्ता तीन बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं, साथ ही उनकी गिनती देश के दिग्गज नेताओं में होती थी।
खुलकर अपनी बात रखने के लिए जाने जाते थे गुरुदास
गुरुदास दासगुप्ता खुलकर अपनी बात रखने के लिए जाने जाते थे। मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में वित्त वर्ष 2012-13 के बजट पर तीखी टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा था कि केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में प्रणब मुखर्जी की कोई आवश्यकता नहीं थी, यह तो लिपिक भी तैयार कर सकते थे।
सीपीआई नेता गुरुदास दासगुप्ता ने तब कहा था, 'यह पूरी तरह लिपीकीय बजट है। इसे वित्त मंत्रालय के लिपिकों द्वारा ही तैयार किया जा सकता था। इसके लिए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की कोई आवश्यकता नहीं थी।'