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26 March 2025

बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना मानव हत्या से भी बड़ा अपराध: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना मनुष्य की हत्या से भी बड़ा अपराध है। न्यायालय ने अवैध रूप से काटे गए प्रत्येक पेड़ के लिए एक व्यक्ति पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने यह टिप्पणी उस व्यक्ति की याचिका को खारिज करते हुए की, जिसने संरक्षित ‘ताज ट्रेपेज़ियम जोन’ में 454 पेड़ काट डाले थे।

पीठ ने कहा, ‘‘ पर्यावरण के मामले में कोई दया नहीं होनी चाहिए। बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना किसी इंसान की हत्या से भी जघन्य है।’’

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शीर्ष अदालत ने कहा कि बिना अनुमति के काटे गए 454 पेड़ों से जो हरित क्षेत्र था उसी तरह का हरित क्षेत्र फिर से उत्पन्न करने में कम से कम 100 वर्ष लगेंगे।

उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया, जिसमें शिवशंकर अग्रवाल नामक व्यक्ति द्वारा मथुरा-वृंदावन में डालमिया फार्म में 454 पेड़ काटने के लिए प्रति पेड़ एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई थी।

अग्रवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने अपनी गलती स्वीकार कर ली है लेकिन अदालत ने जुर्माना राशि कम करने से इनकार कर दिया।

इसने कहा कि अग्रवाल को निकटवर्ती स्थल पर पौधारोपण करने की अनुमति दी जानी चाहिए तथा उसके खिलाफ दायर अवमानना याचिका का निपटारा अनुपालन के बाद ही किया जाएगा।

शीर्ष अदालत ने अपने 2019 के उस आदेश को भी वापस ले लिया जिसमें ‘ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन’ के भीतर गैर-वन और निजी भूमि पर पेड़ों को काटने के लिए अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता को हटा दिया गया था।

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TAGS: Cutting down trees, large numbers, bigger crime than murder, Supreme Court
OUTLOOK 26 March, 2025
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