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07 June 2018

भीमा कोरेगांव हिंसा पर भाजपा का कांग्रेस पर वार, दलितों का किया गया इस्तेमाल

File Photo

भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि ये लोग प्रतिबंधित माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-माओ) से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने इन्हें ‘अरबन नक्सल’ और 'टॉप अरबन माओवादी' की संज्ञा दी है।

वहीं, इस मामले में गुजरात के दलित नेता और विधायक जिग्नेश मेवाणी को भी समन जारी किया जा सकता है।

इसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने गिरफ्तार किए गए सोशल एक्टिविस्ट रोना विल्सन के घर से मिले पत्र के हवाले से कांग्रेस पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, 'इस पत्र से पता चलता है कि हिंसा किस तरह फैलाई जा सकती है। भीमा कोरेगांव हिंसा 31 दिसंबर 2017 से लेकर अगले दिन 1 जनवरी, 2018 तक हुई और यह पत्र भी उसी समय का है।'

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उन्होंने आरोप लगाया, 'यह पत्र सिर्फ पत्र नहीं है। इससे कांग्रेस पार्टी की शालीनता के कपड़े उतर गए। वे लोगों के सामने एक्सपोज हो गए हैं। दलितों का इस्तेमाल टूल की तरह किया जा रहा था।'

इससे पहले महाराष्ट्र में जॉइंट पुलिस कमिश्नर रवींद्र कदम ने बताया कि जांच की प्रक्रिया के दौरान अगर जरूरत पड़ी तो जिग्नेश मेवाणी को भी समन किया जा सकता है। उन्होंने कहा, 'फंडिंग से जुड़े पत्र में एल्गार परिषद का जिक्र है। एल्गार परिषद आयोजित करने में कई संगठन

ये लोग हुए गिरफ्तार

भीमा-कोरेगांव मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें एल्गार परिषद का आयोजन करने वाले और रिपब्लिकन पैंथर्स जाति अंताचि चलवल के नेता सुधीर धवले, कमेटी फॉर रिलीज ऑफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स (सीआरपीपी) के रोना विल्सन और नागपुर के वकील सुरेंद्र गडलिंग शामिल हैं। ये लोग सोशल एक्टिविस्ट हैं और वामपंथी विचारधारा की तरफ झुकाव रखते हैं।

इसके अलावा नागपुर यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर शोमा सेन और पीएमआरडी के फॉर्मर फेलो महेश राउत के घर पर भी तलाशी ली गई है। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, इन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

पुणे पुलिस के मुताबिक, मंगलवार को चार टीमें दिल्ली, मुंबई और नागपुर के लिए रवाना हुईं। पुलिस ने बुधवार से गिरफ्तारी शुरू कर दी है। धवले को सुबह 6 बजे उनके घर से, विल्सन को दिल्ली के मुनिरका इलाके से और गडलिंग को नॉर्थ नागपुर से गिरफ्तार किया गया।

पुलिस के मुताबिक, इन्हें स्थानीय अदालतों में ट्रांजिट रिमांड के लिए पेश किया जाएगा। इसके बाद उन्हें पुणे लाया जाएगा। शिकायतकर्ता की तरफ से आरोप लगाया गया था कि इन लोगों ने दलितों को उकसाया और हिंसा के लिए भड़काया।

मानवाधिकार संगठनों ने किया विरोध

भीमा कोरेगांव मे एल्गार परिषद आयोजित करने वाले शौर्यदिन प्रेरणा अभियान ने इस पुलिस एक्शन की निंदा की है। इसे लेकर पीयूसीएल समेत कई मानवाधिकार संगठन भी रोष जता रहे हैं और विरोध प्रदर्शन की तैयारी में हैं।

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TAGS: Dalits, Sambit Patra, Rona Wilson, bhima koregaon
OUTLOOK 07 June, 2018
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