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16 April 2018

डेनमार्क की महिला से गैंगरेप के दोषी जीवन भर जेल में रहेंगे

file photo

दिल्ली हाइकोर्ट ने डेनमार्क की 52 साल की महिला के साथ हुए गैंगरेप के मामले में पांच अभियुक्तों को मौत तक जेल में रहने की आजीवन कारावास की सजा की सोमवार को पुष्टि कर दी। हाइकोर्ट ने दोषियों की वह याचिका खारिज कर दी जो उन्होंने 2016 में निचली अदालत द्वारा दी गई सजा को चुनौती देते हुए दाखिल की थी।

 जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस आइएस मेहता की बेंच ने कहा कि पीड़ित का बयान और डीएनए रिपोर्ट इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य बने। इनसे ही दोषियों का अपराध साबित हुआ। हालांकि हाइकोर्ट ने निचली अदालत में एक प्रत्यक्षदर्शी द्वारा दिए गए शपथपत्र को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसे स्वभाविक गवाह नहीं माना जा सकता। इस प्रत्यक्षदर्शी ने कहा था कि उसने अपराधियों को पीड़ित के साथ वारदात को अंजाम देते देखा था।


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बेंच ने कहा कि पीड़ित द्वारा दिए गए सबूत और डीएनए रिपोर्ट देखने के बाद कोर्ट इस बात से संतुष्ट है कि निचली अदालत ने दोषियों को जो सजा दी है वह सही है। इसके अनुसार अपील खारिज की जाती है।

निचली अदालत ने 10 जून 2016 को पांच बलात्कारियों को मौत तक आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए इसे अमानवीय और क्रूर बताया था। 2014 में हुई इस घटना से देश की काफी बदनामी हुई थी। कोर्ट ने पांच लोगों को भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 376 (डी) (गैंगरेप), 395 (डकैती), 366 (अपराध) सहित कई अन्य धाराओं से तहत दोषी ठहराया था।

पुलिस के अनुसार नौ आवारा लोगों ने चाकू के बल पर 14 जनवरी 2014 की रात को डेनमार्क की इस महिला के साथ दिल्ली रेलवे स्टेशन के नजदीक डिविजनल रेलवे ऑफिसर्स क्लब के सुनसान इलाके में ले जाकर चाकू की नोंक पर लूटपाट करने के बाद गैंगरेप किया था। पीड़ित महिला एक जनवरी को यहां आई थी और आगरा जानने से पहले कुछ दिन यहां रुकी थी। कई स्थानों का भ्रमण करने के बाद वह 13 जनवरी को वापस लौटी और स्टेशन के पास पहाड़गंज के एक होटल में रुकी। अगले दिन वह रास्ता भूल गई और एक अभियुक्त से रास्ता पूछा। इसी के बाद बदमाशों ने उसके साथ अपराध को अंजाम दिया।

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TAGS: Danish, woman, gangrape, High Court, upheld, sentence
OUTLOOK 16 April, 2018
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