कसौली में महिला अधिकारी की मौत कानून पर अमल नहीं करने का नतीजाः सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कसौली में अवैध निर्माण गिराने के अभियान के दौरान एक स्थानीय होटल के मालिक द्वारा महिला अधिकारी को कथित रूप से गोली मारने की घटना 'कानूनों पर अमल नहीं करने' का नतीजा है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को महिला अधिकारी की मृत्यु को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए स्टेट्स रिपोर्ट तलब की है तथा हिमाचल प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं कि यह तय किया जाए कि राज्य में कोई अवैध निर्माण नहीं हो। जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने राज्य सरकार को कसौली में 13 होटलों में अवैध निर्माण गिराने के आदेश पर अमल की स्थिति से भी अवगत कराने का निर्देश दिया है।
पीठ ने राज्य सरकार के वकील से कहा, ‘महिला अधिकारी की मौत कोर्ट के आदेश का नतीजा नहीं थी। यह कानूनों पर अमल नहीं करने का नतीजा है। यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। आपको कानून का शासन और अवैध निर्माणों से संबंधित कानूनों पर अमल तय करना होगा।' कोर्ट ने राज्य सरकार को सारे विवरण के साथ नौ मई को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को 17 अप्रैल को कसौली और सोलन के धरमपुर इलाके में 13 होटलों और गेस्ट हाउस में किये गये अवैध निर्माण गिराने का आदेश दिया था। इस काम को करने के लिए अधिकारियों ने चार टीमें गठित की थीं। सहायक नगर और कंट्री नियोजक शैल बाला शर्मा भी ऐसे ही एक टीम में शामिल थीं। वह एक मई को कसौली के नारायणी गेस्ट हाउस में अवैध निर्माण गिराने की कार्यवाही की निगरानी करने गयी थीं। इस दौरान होटल मालिक विजय ठाकुर ने हंगामा शुरू कर दिया और आपा खोने के बाद महिला अधिकारी को कथित रूप से गोली मार दी थी। इस अधिकारी की बाद में मृत्यु हो गयी थी। घटना में पीडब्ल्यूडी विभाग का एक कर्मी भी घायल हो गया जिसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया।