दिल्ली: महिला की मौत के बाद जीटीबी अस्पताल के चिकित्सकों पर हमले के आरोप में परिजनों पर मामला दर्ज
दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में प्रसव के बाद सर्जरी के दौरान महिला की मौत होने के बाद हंगामा करने और चिकित्सकों तथा कर्मचारियों पर हमला करने के आरोप में मृतका के परिवार के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि घटना मंगलवार को सुबह पूर्वी दिल्ली के शाहदरा इलाके में स्थित गुरु तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबी) में हुई।
‘रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (आरडीए) द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान के अनुसार, हथियार लिए हुए 50 से 70 लोगों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और चिकित्सकों तथा कर्मचारियों पर हमला किया।
बयान में कहा गया कि सोमवार की रात को बच्चे को जन्म देने के बाद अस्पताल में भर्ती महिला की सर्जरी के दौरान मौत हो गई जिससे गुस्साए उसके परिजनों ने मंगलवार को सुबह चिकित्सकों पर हमला कर दिया।
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि मंगलवार देर रात अस्पताल प्रबंधन की ओर से शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद भारतीय न्याय संहिता की धारा 221 (लोक सेवक के कार्यों में बाधा डालना) और 132/3 (5) (लोक सेवक पर उसके के काम में बाधा डालने के लिए हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना) के तहत मामला दर्ज किया गया।
चौधरी ने बताया कि मंगलवार को सुबह जीटीबी एन्क्लेव थाने में अस्पताल से सूचना प्राप्त हुई कि एक मृतक मरीज के तीमारदार अस्पताल में हंगामा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को काबू किया।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपियों की पहचान महिला के पति जुबैर (20), जुबैर के भाई मोहम्मद शोएब (24) और महिला के पिता मोहम्मद नौशाद (57) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम गठित कर दी गई है।
इसी बीच, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) और जीटीबी अस्पताल के सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
प्रदर्शनकारी चिकित्सकों का कहना है कि हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और अस्पताल में पुख्ता सुरक्षा प्रबंध की मांग की जा रही है। हड़ताल के दौरान वे सिर्फ आपातकालीन सेवाओं के लिए उपलब्ध रहेंगे।
आरडीए अध्यक्ष डॉ. नितीश कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘चिकित्सकों की हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘चिकित्सक आरोपियों की गिरफ्तारी, बाउंसर की तैनाती के साथ सुरक्षा को मजबूत करने, अस्पताल के गेट पर तीमारदारों को प्रतिबंधित करने, हर 4-5 घंटे में नियमित पुलिस गश्त और आपातकालीन सेवा क्षेत्र में पैनिक बटन लगाने आदि की मांग कर रहे हैं।’’’