ईवीएम के बारे में ‘अफवाह' फैलाने वाले के खिलाफ दिल्ली पुलिस करेगी जांच, कोर्ट ने दी अनुमति
दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस को ऐसे व्यक्ति के खिलाफ जांच करने की अनुमति दे दी है जिसने सोशल मीडिया पर कथित रूप से गलत जानकारी साझा करते हुए दावा किया गया था कि विधानसभा चुनावों से पहले डेमो देने के लिए लाई गई इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनें सही से वोटों की गिनती नहीं कर पा रही थीं। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा ने शनिवार को सब्जी मंडी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को मामले की जांच करने का आदेश दिया। सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया था कि वोटिंग मशीनें कोई परिणाम नहीं दिखा रही हैं। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
जूनियर सहायक ने दर्ज कराई थी शिकायत
दिल्ली के तिमारपुर में एक मतदान केंद्र के जूनियर सहायक शम्मी कुमार की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि दंड प्रक्रिया संहिता के मुताबिक कोई भी पुलिस अधिकारी मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना गैर-संज्ञेय मामले की जांच नहीं कर सकता है। इसी बाबत दिल्ली पुलिस ने अदालत से इजाजत मांगी थी।
'सोशल मीडिया पर अपलोड की गई गलत जानकारी'
जूनियर सहायक शम्मी कुमार ने अपनी शिकायत में कहा था कि चुनाव ड्यूटी के दौरान विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं में जागरूकता बढ़ाने के लिए ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनों का डेमो दे रहे थे। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने तीन वोट डाले और कुल मतों की संख्या पांच थी, जिसके बाद उसने मतगणना में अंतर पर आपत्ति जताई। आरोपी वीडियो भी बना रहा था। शम्मी कुमार ने कहा कि हमने उस व्यक्ति को समझाने की कोशिश भी की। हमने उसे बताया कि दो अन्य लोगों ने उससे पहले डेमो लिया था और इसलिए वोटिंग मशीन पांच वोट दिखाए जा रहें हैं। इसके बावजूद उसने सोशल मीडिया पर यह दावा करते हुए वीडियो पोस्ट किया कि ईवीएम और वीवीपीएटी सही वोटों की काउंट नहीं दिखा रहा है।