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22 January 2020

जामिया हिंसा पर कोर्ट ने दिया रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश, 16 मार्च तक मांगी रिपोर्ट

File Photo

जामिया हिंसा मामले में दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया है। अदालत से पिछले महीने कैंपस में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी।

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रजत गोयल ने 16 मार्च तक दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने दिल्ली पुलिस के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 156 (3) के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि जामिया प्रशासन पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रही है क्योंकि बिना अनुमति के कैंपस में पुलिस दाखिल हुई और छात्रों के साथ क्रूरता की।

‘आज तक नहीं दर्ज की गई एफआईआर’

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अधिवक्ता असगर खान और तारिक अनवर के माध्यम से यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार द्वारा याचिका दायर की गई थी जिसमें लिखा था, "विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर ने एफआईआर के पंजीकरण के लिए एसएचओ जामिया नगर को दिनांक 16.12.2019 को शिकायत दर्ज की थी और उसी की एक प्रति ईमेल के माध्यम से भी भेजी गई थी। 17.12.2019 को एसएचओ जामिया नगर, डीसीपी दक्षिण-पूर्व और दिल्ली पुलिस के आयुक्त ने विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस की अनधिकृत प्रवेश के खिलाफ, पुस्तकालय में पढ़ने वाले छात्रों को शारीरिक चोट पहुंचाने और 15.12.2019 को विश्वविद्यालय की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। जबकि आजतक इस संबंध में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।"

‘एफआईआर दर्ज नहीं तो जाएंगे कोर्ट’

इससे पहले 13 जनवरी को जामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने 15 दिसंबर को जामिया में हुई हिंसा को लेकर छात्रों से बात करते हुए कहा था कि दिल्ली पुलिस बिना इजाजत कैंपस के अंदर घुसी और हम दिल्ली पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा था कि हमने जामिया हिंसा मामले में एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन वह अभी रिसीव नहीं हुई है। हम इससे आगे कुछ नहीं कर सकते क्योंकि हम सरकारी कर्मचारी हैं। साथ ही कहा था कि हमने इस मामले में सरकार के सामने भी आपत्ति दर्ज कराई है। अगर जरूरत पड़ी तो हम कोर्ट भी जाएंगे।

एफआईआर को लेकर कमिश्नर से मिल चुकी है वीसी

वहीं, वीसी ने पूरे मामले को लेकर 14 जनवरी को दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक से मुलाकात कर पुलिस द्वारा हुई हिंसा पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।

छात्रों के घेराव के बाद परीक्षा हुई थी रद्द

जामिया प्रशासन ने जनवरी में होने वाली परीक्षाओं को अगले आदेश तक रद्द कर दिया था। पुलिस द्वारा कैंपस में हुई हिंसा और सुरक्षा की मांग को लेकर छात्रों ने वीसी कार्यालय का घेराव किया था। वहीं, छात्रों का कहना था कि जब तक विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती तब तक वे परीक्षाओं में शामिल नहीं होंगे।

दिसंबर से लंबित हैं परीक्षाएं

15 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद विश्वविद्यालय की तरफ से छुट्टियां घोषित कर दी गई थी। 6 जनवरी से जामिया विश्वविद्यालय में कक्षाएं फिर से शुरु की गईं। साथ ही इसी माह लंबित परीक्षाओं की तिथि भी घोषित कर दी गई थी, लेकिन छात्रों के विरोध के कारण फिर से परीक्षाएं रद्द कर दी गई।

 

 

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TAGS: Delhi Court, directs Delhi police, File report on Jamia plea, VC Najma Akhtar, Jamia Violence
OUTLOOK 22 January, 2020
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