अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने रशीद को राहत प्रदान की, जिसने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत का अनुरोध करते हुए अदालत में याचिका दायर की थी।
पांच जुलाई को अदालत ने रशीद को लोकसभा सदस्य के तौर पर शपथ लेने के लिए हिरासती पैरोल दी थी। 2017 के आतंकी वित्तपोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से रशीद 2019 से जेल में है।
वह तिहाड़ जेल में बंद है। अदालत ने उसकी नियमित जमानत याचिका पर अपना आदेश कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। रशीद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली के खिलाफ जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से वित्तपोषित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। मलिक को आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद 2022 में एक निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।