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19 March 2020

सात साल बाद निर्भया के दोषियों को फांसी

file photo

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दिल्ली की अदालत ने मौत की सजा पाए चारों आरोपियों के डेथ वारंट पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह द्वारा दायर याचिका पर गुरुवार दोपहर 2.30 बजे सुनवाई की। कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली इस याचिका को खारिज कर दिया। बता दें, सभी चार दोषियों को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे, 5 मार्च के डेथ वारंट के अनुसार फांसी दी जानी है। वहीं, दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि निर्भया मामले के चारों दोषियों में से किसी का कोई भी कानूनी उपाय किसी भी अदालत में लंबित नहीं है।

कल होनी है फांसी

कोर्ट द्वारा इनकार के बाद निर्भया मामले के वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि मुझे यकीन है कि सभी चार दोषियों को कल सुबह 5.30 बजे फांसी दी जाएगी।

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खारिज की याचिका

इससे पहले निर्भया के एक दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दायर की थी। जिसे गुरुवार को छह जजों की बेंच ने खारिज कर दिया। बता दें, पवन ने अपनी याचिका में कहा था कि 2012 गैंगरेप की घटना के वक्त वह नाबालिग था, इसलिए उसकी मौत की सज़ा को उम्रकैद में बदला जाए। पवन ने सबसे पहले 2017 में सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सज़ा पर पुनर्विचार याचिका डाली थी। इस याचिका को जुलाई, 2018 में खारिज कर दिया गया था। उसके बाद पवन ने कोर्ट के इस फैसले पर क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की थी। इसी पर अब फैसला आया है।

अक्षय की पत्नी हुई बेहोश

निर्भया गैंगरेप में चार दोषी में से एक अक्षय की पत्नी पुनीता देवी ने बिहार की अदालत में तलाक की याचिका दायर की है। वो गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट परिसर के बाहर बेसुध अवस्था में दिखी।

आईसीजे का किया था रूख

इससे पहले 16 मार्च को तीन दोषियों ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया था और फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है। हालांकि, नियम के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की मामले में कोई भूमिका नहीं है। आईसीजे में केवल दो या उससे अधिक देशों के विवाद का मामला सुना जाता है। दोषी अक्षय, पवन और विनय ने आइसीजे का रुख किया। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने चौथे दोषी मुकेश सिंह की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने सभी कानूनी उपायों को बहाल करने की मांग करते हुए आरोप लगाया गया कि उनके पहले के वकीलों ने उसे गुमराह किया था। जस्टिस अरुण मिश्रा और एम आर शाह की पीठ ने मुकेश की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि मामले में समीक्षा याचिका और क्यूरेटिव याचिका दोनों को खारिज कर दिया गया।

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TAGS: Supreme Court, convicts in 2012 Delhi gang-rape case, Mukesh Singh, Delhi court, reject petition, to stay on execution, 2012 Delhi gang-rape case
OUTLOOK 19 March, 2020
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